क्रिप्टो जैसे डिजिटल एसेट्स को कंट्रोल करने के लिए तेजी से काम कर रहे ग्लोबल रेगुलेटर्स

‘फाइनेंशियल स्‍टेबिलिटी बोर्ड’ यह देख रहा है कि बिटकॉइन (Bitcoin) और स्‍टेबलकॉइंस जैसी क्रिप्टोकरेंसी के साथ क्या करने की जरूरत है।

क्रिप्टो जैसे डिजिटल एसेट्स को कंट्रोल करने के लिए तेजी से काम कर रहे ग्लोबल रेगुलेटर्स

फाइनेंशियल मार्केट के दूसरे हिस्सों जैसे- सोशल मीडिया और स्मार्टफोन को भी रेगुलेटर्स ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं।

ख़ास बातें
  • यूरोपीय यूनियन तो इसको लेकर मानक तैयार करने में जुटा है
  • एक वेबिनार में एक्‍सपर्ट ने दी अहम जानकारी
  • कहा क‍ि रेगुलेटर्स समान नियमों के ‘बुनियादी सिद्धांत’ का पालन कर रहे हैं
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क्रिप्‍टोकरेंसी के तेजी से बढ़ते सेक्‍टर पर रेगुलेटर्स की नजर काफी देर से पड़ी। हालांकि इसको लेकर एक ग्‍लोबल फ्रेमवर्क बनाने पर काम चल रहा है। G20 अर्थव्‍यवस्‍था वाले रेगुलेटर्स, सेंट्रल बैंकों और फाइनेंस मिनिस्‍ट्री का समूह- ‘फाइनेंशियल स्‍टेबिलिटी बोर्ड' (Financial Stability Board) यह देख रहा है कि बिटकॉइन (Bitcoin) और स्‍टेबलकॉइंस जैसी क्रिप्टोकरेंसी के साथ क्या करने की जरूरत है। बिना किसी प्रतिबंध के साथ भले ही इंटरनेशनल फर्मे क्रिप्‍टोकरेंसी के साथ कारोबार कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी असेट्स के साथ दुनियाभर में अलग तरह से व्यवहार किया जाता है। यूरोपीय यूनियन तो इसको लेकर मानक तैयार करने में जुटा है। 

फ्रांस के मार्केट वॉचडॉग AMF के अध्यक्ष और रॉबर्ट ओफेल ने एक वेबिनार में कहा कि खतरों को कवर करने के लिए रेगुलेटर्स समान नियमों के ‘बुनियादी सिद्धांत' का पालन कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि फाइनेंशियल स्‍टेबिलिटी बोर्ड के पास बाध्यकारी नियम बनाने की कोई ताकत नहीं है। लेकिन इसके सदस्य अपने रेगुलेटरी प्रिंसिपल्‍स को नेशनल रूलबुक्‍स में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। तेजी से डिजिटल होते फाइनेंशियल मार्केट के दूसरे हिस्सों जैसे- सोशल मीडिया और स्मार्टफोन को भी रेगुलेटर्स ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं।  

EU सिक्योरिटीज वॉचडॉग ESMA की अध्यक्ष वेरेना रॉस ने वेब‍िनार में बताया कि वॉचडॉग ‘फिनफ्लुएंसर' या सोशल मीडिया इन्‍फ्लूएंसर्स की जांच कर रहा है, जो स्टॉक टिप्स देते हैं। उन्‍होंने कहा कि इस तेजी से बढ़ते सेक्‍टर की मॉनिटरिंग करने की जरूरत है। 

ओफेल ने कहा कि जैसे यूरोपियन सेंट्रल बैंक पूरी बैंकिंग प्रणाली की निगरानी करता है, उसी तरह से EU को मार्केट्स की निगरानी के लिए ताकतवर वॉचडॉग की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा व्‍यवस्‍थाएं इस डिजिटल दुनिया को मॉनिटर करने के लिए काफी नहीं हैं। 

बात करें रूस की, तो ऐसा लगता है कि रूस की सरकार और देश का सेंट्रल बैंक क्रिप्टो को करेंसी के रूप में पहचानने की योजना में एक समझौते पर पहुंच गया है। बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्‍टोकरेंसी को रेगुलेट करने के तरीके पर भी बात बन गई है। यह कदम काफी राहत भरा है, क्‍योंकि पिछले महीने ही रूस के सेंट्रल बैंक ने क्रिप्‍टो माइनिंग और इससे जुड़ीं दूसरी गतिवि‍धियों पर बैन प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव दिया था। 

रूसी अखबार कोमर्सेंट (Kommersant) ने बताया है कि क्रिप्‍टोकरेंसी को रेगुलेट करने को लेकर सरकार और बैंक ऑफ रूस ने एक समझौता किया है। अब अधिकारी एक ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं, जो 18 फरवरी तक सामने आ सकता है। इसमें क्रिप्टो को DFA (डिजिटल फाइनेंशियल असेट्स) के बजाय ‘करेंसीज के एनालॉग' के रूप में परिभाषित किया जाएगा। 
 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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