पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने कुछ क्रिप्टो एक्चेंजों को समन भेजा था। यह समन कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन के लिए जारी किया किया था। जिन एक्सचेंजों के नाम सामने आए थे, उनमें कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX), वजीरएक्स (WazirX) और कॉइनस्विच कुबेर (Coinswitch Kuber) शामिल थे। अब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा है कि ED, क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स के जरिए 2,790 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है। राज्यसभा को एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि ED विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) के प्रावधानों के तहत वजीरएक्स के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित दो मामलों की जांच कर रहा है।
उन्होंने बताया कि एक मामले में अब तक की गई जांच से पता चला है कि भारत में जानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ऑपरेट किया जा रहा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म वजीरक्स, केमैन आइलैंड बेस्ड एक्सचेंज बिनेंस के इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर रहा था। जांच में पाया गया है कि इन दोनों एक्सचेंजों के बीच सभी क्रिप्टो ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन पर दर्ज नहीं किए जा रहे थे और रहस्य बने हुए थे।
उन्होंने कहा कि फेमा के प्रावधानों के तहत वजीरएक्स के खिलाफ कारण बताओ नोटिस (शोकॉज नोटिस) (SCN) जारी किया गया है।
इसके अलावा एक अन्य मामले में पता चला है कि भारतीय एक्सचेंज वजीरएक्स ने विदेशी यूजर्स के अनुरोध पर अपने प्लेटफॉर्म पर एक क्रिप्टो को दूसरे में बदलने के साथ-साथ FTX, बिनेंस जैसे थर्ड पार्टी एक्सचेंजों से ट्रांसफर का इस्तेमाल करने की भी अनुमति दी है। एक और सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फंजिबल टोकन (NFT) परिभाषा के अनुसार सीमाहीन (बॉर्डरलैस) हैं और इसे रेगुलेट करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में रेगुलेशन या व्यापार पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई भी कानून अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बाद ही प्रभावी हो सकता है।
पिछले महीने जब समन की बात सामने आई थी, तब वजीरएक्स के प्रवक्ता ने कहा था कि मामला कर्नाटक हाई कोर्ट के पास लंबित है, जहां कंपनी और उसके निदेशक ने एक रिट दायर की और अदालत ने एक अंतरिम आदेश पारित किया। भारत में क्रिप्टो इंडस्ट्री को कोई भी राहत देने के मूड में केंद्र सरकार नहीं है। क्रिप्टो पर सट्टे और लॉटरी से होने वाले फायदों जैसा टैक्स लगाया जा रहा है। पिछले कई महीनों से यह सेक्टर गिरावट के दौर से उबरने की कोशिश कर रहा है।
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