क्रिप्‍टोकरेंसी ने रूस को अंधेरे में धकेला! जानें क्‍या है मामला

लोकल प्रशासन ने इलाके में छापेमारी करके कथित तौर पर ‘ग्रे माइनिंग’ के 1100 मामलों का खुलासा किया है।

क्रिप्‍टोकरेंसी ने रूस को अंधेरे में धकेला! जानें क्‍या है मामला

Photo Credit: Unsplash/Sam Oxyak

क्रिप्‍टोकरेंसी (cryptocurrency) बनाने में खर्च होने वाली बेतहाशा इलेक्ट्रिसिटी ने रूस के लोगों को मुश्किल में डाल दिया है।

ख़ास बातें
  • पूर्वी रूस के इरकुत्स्क (Irkutsk) रीजन में पिछले कुछ समय से बिजली नहीं है
  • कहा जा रहा है कि इसकी वजह क्रिप्‍टो माइनिंग है
  • यहां क्रिप्‍टो माइनिंग के 1100 मामलों का खुलासा किया गया है
विज्ञापन
क्रिप्‍टोकरेंसी (cryptocurrency) बनाने में खर्च होने वाली बेतहाशा इलेक्ट्रिसिटी ने रूस के लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। पूर्वी रूस के इरकुत्स्क (Irkutsk) रीजन में पिछले कुछ समय से बिजली नहीं है। कहा जा रहा है कि इसकी वजह क्रिप्‍टो माइनिंग है। इरकुत्स्क इलेक्ट्रिक ग्रिड कंपनी (IESC) के अनुसार, पिछले साल के मुकाबले इस रीजन में बिजली की खपत 108 फीसदी बढ़ी है। लोकल प्रशासन ने इलाके में छापेमारी करके कथित तौर पर ‘ग्रे माइनिंग' के 1100 मामलों का खुलासा किया। ग्रे माइनिंग शब्‍द का इस्‍तेमाल क्रिप्टो माइनिंग के संदर्भ में किया जाता है। ध्‍यान रहे कि क्रिप्‍टो माइनिंग का मतलब क्रिप्‍टो मेकिंग से है, जिसमें बहुत ज्‍यादा बिजली खर्च होती है। ग्रे माइनिंग के तहत अपार्टमेंट के बेसमेंट, गैराज, रेजिडेंशियल एरिया के साथ-साथ बालकनियों में भी क्रिप्‍टोकरेंसी बनाने में इस्‍तेमाल होने वाले उपकरण लगाए जाते हैं। 

क्षेत्र में बिजली सप्‍लाई करने वाले Irkutskenergosbyt ने अपनी पोस्‍ट में बताया है कि इलाके में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग से जुड़े 21 संदिग्ध इलेक्ट्रिकल इन्‍स्‍टॉलेशन की पहचान की गई थी। यहां माइनिंग से जुड़े उपकरणों को  बालकनियों, रेजिडेंशियल एरिया और अपार्टमेंट के बेसमेंट में फ‍िट किया गया था। 

Bitcoin.com की रिपोर्ट के मुताबिक, इरकुत्स्क रीजन को ‘रूस की क्रिप्टो माइनिंग कैपिटल' कहा जाता है। रूस के इस रीजन में देश के बाकी हिस्सों से बिजली छह गुना सस्‍ती है। सब्सिडी के साथ मिलने वाली बिजली का इस्‍तेमाल यहां के लोग क्रिप्टो माइनिंग में करते हैं। हालांकि यह जानकारी नहीं है कि इलाके में क्रिप्‍टो माइनिंग को रोकने के लिए क्‍या कदम उठाए गए हैं। 

कैंब्रिज के रिसर्चर्स के अनुसार, बिटकॉइन माइनिंग में एक साल में लगभग 121.36 टेरावॉट-घंटे (TWh) पावर की खपत होती है। क्रिप्टो माइनिंग की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन होता है, जो पर्यावरण के लिए भी गंभीर चिंता बना हुआ है। 

पिछले साल एक रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2018 के बीच चार प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में लगभग 13 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज हुई। पिछले साल चीन ने भी देश में सभी क्रिप्टो-रिलेटेड गतिविधियों पर बैन लगा दिया था। इस पर टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने कहा था कि इस फैसले की एक वजह चीन में बिजली की कमी हो सकती है।   

नवंबर 2021 में टेक्सास की इलेक्ट्रिक रिलायबिलिटी काउंसिल (ERCOT) ने अनुमान लगाया था कि क्रिप्टो माइनिंग और डेटा सेंटर्स की वजह से इलेक्ट्रिसिटी लोड पांच गुना तक बढ़ सकता है। 


 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

राधिका पाराशर

राधिका पाराशर के पास Gadgets 360 में वरिष्ठ संवाददाता की पोस्ट है। ये ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. MediaTek Dimensity 8400 SoC हुआ लॉन्च, एडवांस AI टेक्नोलॉजी और बेहतर गेमिंग का करता है दावा
  2. Asus V16 गेमिंग लैपटॉप 16 इंच डिस्प्ले, Core i7 के साथ लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  3. Oppo Reno 13, Reno 13 Pro का हुआ खुलासा, कलर ऑप्शन के साथ जानें सबकुछ
  4. 180W के ब्‍लूटूथ पार्टी स्‍पीकर Zebronics Zeb-Axon 200 लॉन्‍च, सिंगल चार्ज में चलेंगे 10 घंटे, जानें प्राइस
  5. Reliance Jio को 4 महीने में 1.65 करोड़ सब्सक्राइबर्स का नुकसान, BSNL से मिल रही टक्कर
  6. Paatal Lok Season 2 OTT Release : आ गई तारीख, इस दिन रिलीज होगी ‘पाताल लोक 2’
  7. क्रिप्टो मार्केट में गिरावट, बिटकॉइन का प्राइस 96,000 डॉलर से ज्यादा
  8. Whatsapp यूजर्स ध्‍यान दें! 1 जनवरी से इन स्‍मार्टफोन्‍स पर नहीं चलेगा ऐप, देखें लिस्‍ट
  9. Vivo S20 Pro vs Redmi K80 Pro vs Oppo Reno 13 Pro: जानें कौन है बेस्ट
  10. Xiaomi 15 Ultra की भारत में दस्‍तक! BIS सर्टिफ‍िकेशन मिला, लॉन्चिंग जल्‍द
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »