क्रिप्टोकरेंसी लेंडिंग फर्मों और उनके क्लाइंट्स को क्रिप्टो मार्केट में गिरावट और रेगुलेटरी सुरक्षा नहीं होने के कारण बड़े फाइनेंशियल रिस्क का सामना करना पड़ रहा है। इन फर्मों ने कारोबार बढ़ाने के लिए बहुत इंटरेस्ट रेट पर लोन की पेशकश की थी, जबकि ये डिपॉजिट्स पर भारी रेट्स चुका रही थी। बड़ी क्रिप्टो लेंडिंग फर्मों में शामिल Celsius Network ने पिछले महीने ट्रांजैक्शंस पर रोक लगा दी थी।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर Omid Malekan ने कहा, "Celsius Network जल्द दिवालिया होने जा रही है।" AFP की
रिपोर्ट के अनुसार, CoinFlex और Babel Finance जैसी कुछ अन्य क्रिप्टो लेंडिंग फर्मों ने भी विड्रॉल को रोक दिया है। इन फर्मों ने क्लाइंट्स को
क्रिप्टोकरेंसीज डिपॉजिट करने और उस पर इंटरेस्ट प्राप्त करने या कोलेट्रल के तौर पर रखकर उधार लेने की सुविधा दी थी। इन फर्मों के बहुत से क्लाइंट्स को ट्रांजैक्शंस पर रोक लगने से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें अपने फंड का नुकसान होने की भी आशंका है।
Celsius Network के क्लाइंट्स की ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की रेगुलेटर्स की ओर से जांच की जा रही है। Celsius ने कहा था कि क्रिप्टो मार्केट की खराब स्थिति के कारण वह एकाउंट्स के बीच विड्रॉल और ट्रांसफर पर रोक लगा रही है। अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म के ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की टेक्सस स्टेट सिक्योरिटी बोर्ड सहित कुछ रेगुलेटर्स जांच कर रहे हैं। इस बारे में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी फर्म से जानकारी मांगी है। अल्बामा सिक्योरिटीज कमीशन के डायरेक्टर Joseph Borg का कहना था, "मैं इससे चितित हूं कि रिटेल इनवेस्टर्स सहित फर्म के क्लाइंट्स को उनके एसेट्स को रिडीम करने की जरूरत हो सकती है लेकिन वे ऐसा कर सकते। इससे उनकी वित्तीय मुश्किलें बढ़ सकती हैं।"
इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने भी हाल ही में अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था। अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म का कहना है कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है। इस फैसले से एक्सचेंज के 1,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी होने का अनुमान है।