इक्विटी मार्केट में तेजी का असर क्रिप्टोकरेंसीज पर भी दिख रहा है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस पिछले एक दिन में चार प्रतिशत से अधिक बढ़कर इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 20,150 डॉलर पर चला गया। बिटकॉइन की वैल्यू पिछले सप्ताह बुधवार की तुलना में लगभग 4.4 प्रतिशत अधिक है।
CoinDCX जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 3.2 प्रतिशत बढ़कर 20,957 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में भी तेजी आई। इसका प्राइस पिछले एक दिन में लगभग 9.46 प्रतिशत बढ़ा है। भारतीय एक्सचेंजों पर यह लगभग 1,533 डॉलर पर था। Ethereum ब्लॉकचेन के एनर्जी एफिशिएंट 'Merge' अपग्रेड को 15 सितंबर को शुरू किया गया था। इससे ट्रांजैक्शंस में तेजी आने और एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग की गई है। इससे Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती गई है। अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है।
Gadgets 360 के
क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर से पता चलता है कि ज्यादातर ऑल्टकॉइन्स के प्राइसेज बढ़े हैं। क्रिप्टो के ग्लोबल मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी पिछले एक दिन में लगभग 5.01 प्रतिशत की तेजी आई है। Avalanche, Cardano, Solana, Polygon, BNB, TRON, Chainlink और Monero में रिकवरी हुई है। मीमकॉइन्स Shiba और Dogecoin में भी कुछ तेजी आई। Dogecoin का प्राइस 0.06 डॉलर और Shiba Inu का लगभग 0.000010 डॉलर पर था।
क्रिप्टो मार्केट के एक्सपर्ट्स का कहना है कि
बिटकॉइन के प्राइस में काफी गिरावट आ चुकी है और इसमें ब्रेकआउट हो सकता है। अमेरिका में इनवेस्टर्स अधिक रिस्क वाले एसेट्स में दोबारा दिलचस्पी ले रहे हैं। इससे क्रिप्टो मार्केट में खरीदारी करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है। इसका प्राइस गिरने से इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इनवेस्टर्स को चेतावनी दी है, जिसका मार्केट पर असर पड़ा है।