क्रिप्टो एक्सचेंज Gemini पर मिलेगा Ethereum के अपग्रेड से पहले स्टेकिंग के लिए सपोर्ट

अपग्रेड से Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस्तेमाल के लिए रिलीज किए जाने से पहले नेटवर्क के कुछ टेस्ट किए जाएंगे

क्रिप्टो एक्सचेंज Gemini पर मिलेगा Ethereum के अपग्रेड से पहले स्टेकिंग के लिए सपोर्ट

Ethereum के अपग्रेड से पहले कुछ अन्य क्रिप्टो फर्मों ने भी अपनी स्टेकिंग का दायरा बढ़ाया है

ख़ास बातें
  • शुरुआत में Gemini पर Polygon के लिए सपोर्ट मिलेगा
  • इसके बाद Ethereum, Solana और Audius के लिए सपोर्ट देने की योजना है
  • अपग्रेड से Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है
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ब्लॉकचेन Ethereum के अगले महीने होने वाले अपग्रेड से पहले क्रिप्टो एक्सचेंज Gemini पर अमेरिका, सिंगापुर और हांगकांग में यूजर्स को स्टेकिंग के लिए सपोर्ट मिलेगा। इससे क्रिप्टो एसेट्स पर यूजर्स रिवॉर्ड प्राप्त कर सकेंगे। शुरुआत में Gemini पर Polygon के लिए सपोर्ट मिलेगा। इसके बाद Ethereum, Solana और Audius के लिए सपोर्ट देने की योजना है। 

Ethereum के अपग्रेड से पहले कुछ अन्य क्रिप्टो फर्मों ने भी अपनी स्टेकिंग का दायरा बढ़ाया है। Gemini ने बताया कि उसकी सर्विस के साथ स्टेक करने वाले यूजर्स को कम तकनीकी जरूरतों से आसानी होगी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि एक्सचेंज अपने वैलिडेटर नोट्स रन करने की योजना बना रहा है या एक्सटर्नल वैलिडेटर्स के साथ इसे रन किया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में Coinbase ने इंस्टीट्यूशनल क्लाइंट्स के लिए अपनी स्टेकिंग सर्विस का दायरा बढ़ाने की जानकारी दी थी। एक्सचेंज ने हाल ही में कहा था कि अगर उसे Ethereum को सेंसर करने के लिए कहा जाता है तो वह अपनी स्टेकिंग सर्विस को बंद कर सकता है। 

इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग कर रहे हैं। इससे Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस्तेमाल के लिए रिलीज किए जाने से पहले नेटवर्क के कुछ टेस्ट किए जाएंगे। इन टेस्ट से डिवेलपर्स को अपग्रेड होने के बाद नेटवर्क के प्रदर्शन को समझने में मदद मिलेगी। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। 

अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है। Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है। Ethereum की एक ट्रांजैक्शन की इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल 1,40,893 वीजा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शंस के बराबर होने का अनुमान है। इस सिस्टम को प्रूफ ऑफ स्टेक कहा जाता है। क्रिप्टो एक्टिविटीज के कारण कुछ देशों में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हुई थी। इस समस्या से निपटने के लिए चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध दिया था। 
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