Bitcoin में पिछले कुछ दिनों से गिरावट देखी जा रही है और व्हेल अकाउंट्स इसका पूरा फायदा लेते दिख रहे हैं। ऐसी ही एक व्हेल ने 6,770 बिटकॉइन को, जिनकी वैल्यू 384.29 मिलियन डॉलर (लगभग 2,878.3 करोड़ रुपये) है, अपने खाते में जोड़ा है। यह राशि दो हफ्ते से भी कम समय में जोड़ी गई है। यह व्हेल तीसरी सबसे बड़ी बीटीसी व्हेल है और लगातार नौ दिनों से बिटकॉइन को हिस्सों में खरीद रही है।
CryptoQuant के एनालिस्ट VentureFounder ने ट्विटर पर कमेंट भी किया। जिसमें कहा गया कि यह विशेष व्हेल बहुत एक्टिव लग रही है, जब भी तेजी से गिरावट या बढ़ोत्तरी होती है तो इसमें ट्रांजैक्शन देखा जा रहा है। मगर अब जब पिछले कई दिनों से बिटकॉइन में गिरावट बनी हुई है तो यह ऐसेट को इकट्ठा करने में लगी हुई है। 12 नवंबर से व्हेल ने लगातार नौ खरीदारी की हैं क्योंकि बिटकॉइन की कीमत गिर रही थी। पहला ट्रांजैक्शन 1,123 बिटकॉइन के लिए था जब
बिटकॉइन की वैल्यू 64,000 डॉलर (लगभग 47.94 लाख रुपये) से अधिक थी। जबकि इसका आखिरी ट्रांजैक्शन 105 बिटकॉइन के लिए था जब ऐसेट की वैल्यू 57,900 डॉलर (लगभग 43.3 लाख रुपये) थी।
VentureFounder के अनुसार, इस व्हेल के पास अब चार महीनों में अपना सबसे अधिक वॉलेट बैलेंस है, जब बिटकॉइन की कीमत लगभग 30,000 डॉलर (लगभग 22.46 लाख रुपये) थी।
क्रिप्टो एनालिटिक्स फर्म Santiment का दावा है कि बिटकॉइन व्हेल सामान्य रूप से डिप (गिरावट में खरीदारी) खरीद रही हैं। Twitter पर फर्म ने नोट किया कि 100 बिटकॉइन से 10,000 बिटकॉइन के बीच सक्रिय बिटकॉइन व्हेल एड्रेसेज ने पिछले सप्ताह की गिरती कीमतों के दौरान 59,000 बिटकॉइन जमा किए हैं। खबर लिखने के समय
बिटकॉइन की कीमत 43.08 लाख रुपये के आसपास थी।
Santiment का यह भी कहना है कि हालिया मंदी के बावजूद बिटकॉइन की सप्लाई एक्सचेंजों से कम हो रही है, जो बड़े पैमाने पर बिकवाली (sell off) के जोखिम को कम करती है। इसके अलावा सेंटिमेंट के वेटेड सेंटीमेंट ट्रैकर के अनुसार बिटकॉइन का फिलहाल का सोशल सेंटीमेंट पिछले सात हफ्तों में सबसे निचले स्तर पर है। यानि कि बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के लिए उत्साह अभी निचले स्तर पर है।
सेंटिमेंट का वेटेड
सेंटीमेंट ट्रैकर क्रिप्टो ऐसेट के इर्द गिर्द पॉजिटिव और नेगेटिव कमेंट्स का एनालिसिस करता है। फर्म का कहना है कि जब सोशल सेंटीमेंट बहुत ज्यादा हो जाता है तो कीमतें बहुत ऊंची जाती हैं और जब यह बिल्कुल नीचे आ जाता है तो कीमतें भी बिल्कुल नीचे गिर जाती हैं।