क्रिप्टो मार्केट में शुक्रवार को तेजी थी। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस लगभग चार प्रतिशत बढ़ा है। बिटकॉइन ने मार्च के बाद से पहली बार 96,000 डॉलर के लेवल को पार किया है। इसके अलावा बहुत सी अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में भी प्रॉफिट था।
इस रिपोर्ट को पब्लिश किए जाने पर इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज
Binance पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 97,040 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में लगभग 0.60 प्रतिशत का नुकसान था। Ether का प्राइस लगभग 1,824 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। तेजी वाली क्रिप्टोकरेंसीज में Avalanche, Cardano, Polkadot और Chainlink शामिल थे। BNB और XRP जैसी क्रिप्टोकरेंसीज में गिरावट थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग दो प्रतिशत बढ़कर लगभग 3.01 लाख करोड़ डॉलर पर था।
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि
बिटकॉइन ने 96,000 डॉलर का लेवल मजबूती से पार किया है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की ओर से इंटरेस्ट रेट में कटौती की जा सकती है। इससे इनवेस्टर्स का आत्मविश्वास बढ़ा है। Ether के 1,800 डॉलर से अधिक के लेवल को बरकरार रखने से भी मार्केट में पॉजिटिव सेंटीमेंट है। हाल ही में व्हाइट हाउस के डिजिटल एसेट्स पर प्रेसिडेंट की एडवाइजर्स की काउंसिल के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, Bo Hines ने बताया था कि अमेरिकी सरकार बिटकॉइन की होल्डिंग के लिए अपने गोल्ड के रिजर्व का इस्तेमाल करने के तरीकों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा था, "अगर हम गोल्ड के रिजर्व पर प्रॉफिट को बुक करते हैं तो यह बिटकॉइन खरीदने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।" Hines ने सीनेटर Cynthia Lummis की ओर से पेश किए गए बिटकॉइन एक्ट का भी जिक्र किया था। इसमें लगभग 10 लाख बिटकॉइन खरीदने का सुझाव दिया गया था।
इस मार्केट में स्कैम से जुड़े मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए बहुत से देशों में क्रिप्टो से जुड़े रेगुलेशंस बनाए जा रहे हैं। भारत में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों से उनके यूजर्स के नो-युअर-कस्टमर (KYC) डेटा का वेरिफिकेशन जून के अंत तक कराने का निर्देश दिया है। सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए यूजर्स की 18 महीने से पुरानी KYC डिटेल्स को रिफ्रेश करना जरूरी होगा।