Bitcoin को इस हफ्ते भारी बढ़त मिलती नहीं दिख रही है क्योंकि अब वीकेंड नजदीक आ रहा है। बावजूद इसके अभी तक बिटकॉइन में बड़ा उछाल नहीं देखा गया है। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी अपने सर्वकालिक उच्च स्तर के करीब ही बनी हुई है। दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में 5 नवंबर यानि आज शुक्रवार के दिन 0.43 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई। वर्तमान में कॉइनस्विच कुबेर जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर यह 67,212 डॉलर (लगभग 49.9 लाख रुपये) प्रति टोकन पर ट्रेड कर रही है। ग्लोबल लेवल पर कीमतें थोड़ी कम हैं लेकिन फिर भी इस क्रिप्टोकरेंसी में मजबूती बनी हुई है। मामूली बढ़त और गिरावट के बावजूद, जब से यह अक्टूबर के आखिरी कुछ दिनों में एक नए शिखर पर पहुंचा है, तब से मौजूदा क्रिप्टो-कॉइन का प्राइस 62,000 डॉलर (लगभग 47 लाख रुपये) से अधिक ही बना हुआ है, जो इसकी बेहतर स्टेबिलिटी की ओर इशारा करता है।
ऐसा लगता है कि
Ether ने भी
बिटकॉइन की राह ले ली है। नवंबर के पहले सप्ताह के खत्म होने से पहले इसने भी केवल थोड़ा ही लाभ कमाया है।
Gadgets 360 crypto price tracker के अनुसार यह 5 नवंबर को यह क्रिप्टोकरेंसी सिर्फ 0.40 प्रतिशत बढ़कर 4,908 डॉलर (लगभग 3.64 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रही है।
इसके साथ ही अगर दूसरे ऑल्टकॉइन्स की बात करें तो crypto-price chart में आज ग्रीन और रेड कलर दोनों ही मिले जुले रूप में देखने को मिले। Tether, Polkadot, USD Coin और Chainlink कुछ क्रिप्टोकरेंसी ऐसी रहीं जिन्होंने मामूली बढ़त के साथ ओपनिंग की। इनमें इस सप्ताह के दौरान अभी तक अक्सर बढ़त ही देखी गई है।
वहीं Cardano और Ripple जैसे कॉइन्स ने गिरावट दर्ज की है।
Dogecoin और दूसरे डॉग बेस्ड कॉइन भी संघर्ष करते नजर आए।
DOGE का मुकाबलेदार
Shiba Inu भी पिछले कुछ दिनों से बहुत ज्यादा लाभ नहीं दे रहा है। इस डॉग-टोकन ने 15.92 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की और वर्तमान में यह 0.000049 डॉलर (लगभग 0.003633 रुपये) पर ट्रेड कर रहा है।
WatcherGuru की रिपोर्ट के अनुसार, SHIB की कीमत में 25 अक्टूबर को 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और मार्केट प्राइस के हिसाब से यह 11 वां सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी कॉइन बन गया।
Baby Doge Coin, Floki Inu और Kishu Inu अन्य मीम-आधारित डॉग कॉइन्स में से हैं, जिन्होंने नवंबर के इस सप्ताह में कीमतों में गिरावट देखी है।
एक हालिया रिपोर्ट में रिसर्च फर्म Civic Science ने कहा कि अमेरिका में जिन लोगों की सैलरी कम है, वे क्रिप्टो में निवेश करके प्रोफिट कमा रहे हैं। यहां तक कि इनमें से बहुत से लोग नौकरियां छोड़ने पर भी विचार कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि क्रिप्टो की पकड़ और विश्वास दुनियाभर में मजबूत हो रहा है।