Bitcoin और Ether के प्राइसेज गिरे, स्टेबलकॉइन्स में प्रॉफिट

बिटकॉइन का प्राइस 17,400 डॉलर से कुछ अधिक पर था। पिछले एक दिन में इसके प्राइस में लगभग 330 डॉलर की कमी हुई है

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Written by राधिका पाराशर, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 16 दिसंबर 2022 16:42 IST
ख़ास बातें
  • पिछले दो महीनों में बिटकॉइन 18,000 डॉलर को पार करने में नाकाम रहा है
  • ETH लगभग 1,270 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था
  • अधिकतर ऑल्टकॉइन्स में मामूली गिरावट थी
मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में शुक्रवार को लगभग 1.50 प्रतिशत की गिरावट रही। इसका प्राइस 17,400 डॉलर से कुछ अधिक पर था। पिछले एक दिन में इसके प्राइस में लगभग 330 डॉलर की कमी हुई है। पिछले दो महीनों में बिटकॉइन 18,000 डॉलर के लेवल को पार करने में नाकाम रहा है। 

दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस भी टूटा है। इसमें भी लगभग 1.50 प्रतिशत की कमी हुई। Gadgets 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, ETH लगभग 1,270 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। इसके अलावा Binance Coin, Cardano, Polygon, Litecoin, Solana और Tron जैसे ज्यादातर ऑल्टकॉइन्स में मामूली गिरावट थी। प्रॉफिट दर्ज करने वालों में Polkadot, Monero, Bitcoin SV, Zcash और Neo Coin शामिल थे। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.30 प्रतिशत घटकर लगभग 850 अरब डॉलर पर था। 

स्टेबलकॉइन्स में शुक्रवार को तेजी रही। इनमें Tether, USD Coin और Binance USD शामिल थे। मीमकॉइन्स में Shiba Inu का प्राइस बढ़ा है। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल FTX के दिवालिया होने का भी इस मार्केट पर बड़ा असर पड़ा है। इससे बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स ने क्रिप्टोकरेंसीज से दूरी बना ली है। FTX के सॉफ्टवेयर में बदलाव कर क्लाइंट्स के फंड का इस्तेमाल किया गया था। एक्सचेंज के चीफ इंजीनियर ने कोड में बदलाव कर FTX के फाउंडर Sam Bankman Fried की फर्म Alameda Research को उधार ली गई रकम पर नुकसान उठाने के बावजूद उसके एसेट्स बेचने से छूट दी थी। 

इस छूट से फर्म को FTX से फंड उधार लेने की अनुमति मिल गई थी चाहे उसके बदले में कोलेट्रल की वैल्यू कितनी भी हो। कोड में इस बदलाव को अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने पकड़ा है। SEC ने बताया कि इससे Alameda Research को बिना किसी लिमिट के क्रेडिट दिया जा रहा था। फर्म को दो वर्षों में अरबों डॉलर का उधार गोपनीय तरीके से दिया गया था। एक्सचेंज के लिए मुश्किलों की शुरुआत पिछले महीने हुई थी जब इसकी बैलेंस शीट पर सवाल उठे थे। इसके बाद एक्सचेंज के कस्टमर्स ने इससे अरबों डॉलर निकालने की कोशिश की थी लेकिन इनमें से अधिकतर अपनी रकम नहीं ले सके थे। पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़ी बहुत सी फर्मों की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है। 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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