Chandrayaan 3 landed on the moon : ISRO के
चंद्रयान-3 मिशन ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (LM) ‘विक्रम' (Vikram) ने प्रज्ञान रोवर (Pragyaan Rover) के साथ चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता पाई है। भारत दुनिया का पहला देश बन गया है, जिसके लैंडर और रोवर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव (Moon South Pole) पर सफल लैंडिंग की है। बुधवार को सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ। सुबह से ही करोड़ों भारतीय इस मिशन की कामयाबी के लिए दुआएं कर रहे थे। दुनियाभर के देशों और उनकी स्पेस एजेंसियों की नजर इसरो के मून मिशन पर टिकी हुई थी।
शाम 5:44 बजे जैसे ही
विक्रम लैंडर ने सही पोजिशन ली, इसरो के कमांड सेंटर से ऑटोमैटिक लैंडिंग सीक्वेंस (ALS) को लॉन्च कर दिया गया। आखिर के 15 से 17 मिनट सबसे ज्यादा मुश्किल भरे थे। इसरो के कमांड सेंटर से लेकर देशभर में हर कोई उस क्षण की प्रतीक्षा कर रहा था, जब विक्रम लैंडर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करता।
यही वो पल थे, जब कुछ भी हो सकता था। विक्रम लैंडर को अपना सफर खुद तय करना था। इसरो के कमांड सेंटर से उसे कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता था। लेकिन विक्रम लैंडर ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। हर उस बाधा को पार किया, जो आड़े आ रही थी। विक्रम लैंडर पर लगाए गए सेंसर्स, कैमरों और इंजनों ने उसका पूरा साथ दिया।
जैस ही लैंडर चंद्रमा से 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचा, उसके 2 इंजन बंद हो गए। लैंडर जब 150 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचा, उसके सेंसर और कैमरे एक्टिवेट हो गए। विक्रम लैंडर ने उस जगह को देखा जहां उसे उतरना था। लैंडिंग को पूरी तरह से सेफ मान लेने के बाद विक्रम लैंडर ने अपनी राह तय कर ली। आखिरकार उसने पहले से तय समय 6 बजकर 4 मिनट पर सॉफ्ट लैंडिंग को पूरा कर लिया।
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