भारत समेत दुनियाभर के देश इन दिनों लॉकडाउन में हैं, वजह से तेज़ी से फैलता जानलेवा 'कोरोना वायरस'। रोजाना कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही है, जिसे रोकने के लिए ही लॉकडाउन जैसे कदम उठाए गए हैं। लेकिन, इसका समाधान केवल लॉकडाउन नहीं बल्कि कोरोना वायरस मरीजो पर निगरानी रखना भी जरूरी है ताकि वह दूसरे लोगों तक इस खतरनाक वायरस को न फैला दें। सरकार ऐसे ही क्वारंटाइन किए हुए लोगों पर निगरानी रखने के लिए अब एक नया कदम उठाने की योजना बना रही है। बुधवार को सरकार ने अपनी इस योजना की घोषणा करते हुए बताया कि वह कुछ ऐसी रिस्टबैंड लाने वाली है, जिनके जरिए कोरोना वायरस मरीज़ों पर नज़र रखी जा सके और उनके तापमान को भी मॉनिटर किया जा सके।
इस रिस्टबैंड प्रोजेक्ट का उद्देश्य होगा क्वारंटाइन किए गए मरीज़ों को ट्रैक किया जा सके और उनसे स्वास्थ्य कर्मचारियों व जरूरी सेवा देने वाले लोगों को सुरक्षित रखा जा सके। भारत दुनिया के सबसे सख्त लॉकडाउन वाले देशों में शुमार है और अब वह निगरानी पर ज़ोर दे रहा है।
गौरतलब है कि अब तक 19,984 कोरोना वायरस के केस दर्ज किए जा चुके हैं और 640 लोगों की मौत इस खतरनाक वायरस की वजह से हो चुकी है। वहीं, विेशेषज्ञों को अभी भी डर है कि यह महामारी अपने चरम सीमा पर न पहुंच जाए। सरकार द्वारा हजारों रिस्टबैंड लाने की बात कही गई है, लेकिन कितने बैंड्स लाए जाएंगे इस बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दी गई है।
आपको बता दें, सरकार की यह योजना हॉन्ग-कॉन्ग के उस प्रोग्राम से काफी मेल खाती है, जिसमें अधिकारियों ने विदेशी यात्रियों की पहचान करके उन्हें अलग रखने के लिए बैंड का इस्तेमाल किया था।
रिस्टबैंड को डिज़ाइन करने का काम
Broadcast Engineering Consultants नाम की सरकारी कंपनी करेगी। यह कंपनी अगले हफ्ते तक इन बैंड्स के डिज़ाइन अस्पतालों व राज्य सरकारों को पेश करेगी। वहीं, इनके निर्माण के लिए यह कपनी इंडियन स्टार्ट-अप के साथ काम करेगी।
कंपनी के चेयरमैन George Kuruvilla ने कहा कि यह रिस्टबैंड मई तक ज़ारी कर दिए जाएंगे।
इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से 'आरोग्य सेतु ऐप' डाउनलोग करने की विनती की थी। यह ऐप लोगों को संक्रमित लोगों से दूर रहने और कोरोना वायरस लक्षण दिखने पर डॉक्टरी जांच की सलाह देता है। यह ऐप 2 अप्रैल को लॉन्च हुआ था, और अब तक 50 मिलियन लोगों ने इस ऐप को अपने-अपने फोन में इंस्टॉल कर लिया है।
कुरुविला ने बताया कि यह रिस्टबैंड इस ऐप के साथ ही मिलकर काम करेगी।
उन्होंने बताया कि यह रिस्टबैंड क्वारंटाइन व्यक्ति को घर में और बाहर हर जगह मॉनिटर करेगा, वहीं इसके साथ ही उसके शरीर के तापमान पर भी नज़र रखेगा। यदि क्वारंटाइन व्यक्ति अपने क्षेत्र से बाहर निकलता है तो यह बैंड स्वास्थ्य अधिकारी को अलर्ट भेजेगा। इस बैंड में एक इमरजेंसी बटन भी दिया गया है, संक्रमित व्यक्ति जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सकता है।