पीड़ितों से जुड़े संगठनों और मानवाधिकार समर्थकों का दावा है कि रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ हिंसा का बड़ा कारण फेसबुक के एल्गोरिद्म थे जिनसे नफरत वाला कंटेंट फैलाया गया था और गलत जानकारियां दी गई थी
इंटरनेट शटडाउन के मामले में म्यांमार नंबर-1 देश रहा। वहां 12,238 घंटों तक इंटरनेट शटडाउन रहा और इसने 22 मिलियन यूजर्स को प्रभावित किया। म्यांमार में इंटरनेट शटडाउन की कॉस्ट 2.8 बिलियन डॉलर (लगभग 20,700 करोड़ रुपये) थी।