रिलायंस को 4जी का लाइसेंस देने में अनियमितता बरतने के आरोप लगाते हुए लाइसेंस रद्द करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस को आवंटित 4जी लाइसेंस को कानूनी और वैध करार दिया। देश की सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि स्पेक्ट्रम यूज़ेज चार्ज तय करने का अधिकार सरकार के पास है।
याचिका में कहा गया था कि रिलायंस को सिर्फ डेटा सर्विस के लिए लाइसेंस दिया गया था, लेकिन बाद में 40 हजार करोड़ रुपये की फीस की बजाय 1,600 करोड़ रुपये में ही वॉयस सर्विस का लाइसेंस दे दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
यह याचिका एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) द्वारा दायर की गई थी।
सीपीआईएल ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर रिलायंस को 4जी का लाइसेंस देने में अनियमितता बरतने के आरोप लगाते हुए लाइसेंस रद्द करने की मांग की थी।
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