Jio, Airtel, VI, BSNL सिम यूज करने वाले यूजर्स के लिए आया SMS का नया नियम, आप भी जान लें!

SMS New Rule : माना जा रहा है कि इस फैसले से SIM स्वैप फ्रॉड को रोकने में मदद मिलेगी।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 16 नवंबर 2022 13:55 IST
ख़ास बातें
  • नया सिम जारी करने से जुड़ा है न‍ियम
  • कस्‍टमर को देनी होगी जानकारी
  • SIM स्वैप फ्रॉड को रोकने में मिलेगी मदद

SMS New Rule : नियम का पालन करने के लिए टेलिकॉम ऑपरेटर्स को 15 दिन का टाइम मिला है।

क्‍या आपने SIM स्वैप फ्रॉड के बारे में सुना है? एक ऐसा फर्जीवाड़ा, जो मोबाइल फोन यूजर्स को टार्गेट करता है। अब दूरसंचार विभाग ने इस फ्रॉड को रोकने के लिए SMS से जुड़ा एक नया रूल बनाया है। Jio, Airtel, Vi और BSNL जैसे टेलिकॉम ऑपरेटर्स को इस नियम का पालन करना होगा। इसके तहत जब भी ऑपरेटर कोई नया सिम जारी करेगा, तो पहले 24 घंटों के लिए SMS की इनकमिंग और आउटगोइंग सेवाएं बंद रहेंगी। माना जा रहा है कि इस फैसले से SIM स्वैप फ्रॉड  को रोकने में मदद मिलेगी। 

खबर पर आगे बढ़ें, उससे पहले SIM स्वैप फ्रॉड के बारे में जान लेते हैं। यह फ्रॉड उन लोगों के साथ किया जाता है, जिनकी पर्सनल डिटेल फ्रॉड करने वालों तक पहुंच जाती है। यूजर की पर्सनल जानकारी हासिल करने के बाद फ्रॉड करने वाले बदमाश टेलिकॉम ऑपरेट से कॉन्‍टैक्‍ट कर नया सिम मांगते हैं। वही सिम जो यूजर इस्‍तेमाल कर रहा है। जैसे ही नया SIM कार्ड रिलीज होता है, यूजर के फोन में चल रहा सिम बंद हो जाता है। इसके बाद सारी डिटेल नए सिम में आने शुरू हो जाती हैं, जो फ्रॉड करने वाले बदमाशों के पास होता है। 

आप सोच रहे होंगे कि फ्रॉड करने वालों के पास कस्‍टमर की निजी जानकारी पहुंचती कैसे है। इसके लिए फ‍िशिंग लिंक का इस्‍तेमाल किया जाता है। यह लिंक आपको SMS के रूप में भेजा जा सकता है या फ‍िर ई-मेल पर भी। फ्रॉड करने वाले जब पुख्‍ता कर लेते हैं कि उनके पास किसी शख्‍स की पर्सनल डिटेल आ गई है, तब वह उसके नाम पर चल रहे पुराने सिम की जगह नए सिम की डिमांड करते हैं। 

चिंता की बात है कि फ्रॉड करने वालों तक ओटीपी भी पहुंचने लगते हैं। इनका इस्‍तेमाल कर वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा सकता है। इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ही दूरसंचार विभाग ने नया रूल निकाला है। जानकारी के अनुसार, इसके लिए टेलिकॉम ऑपरेटर्स को 15 दिन का टाइम मिला है। कहा गया है कि नया SIM या नंबर अपग्रेड करने की रिक्‍वेस्‍ट मिलने पर टेलिकॉम कंपनियों को यूजर्स को इसकी जानकारी देनी होगी। फोन करने कन्‍फर्म करना होगा कि यूजर ही नया SIM या नंबर अपग्रेड करना चाहता है। 

अगर कस्‍टमर इससे इनकार करता है, तो टेलिकॉम कंपनियों को फौरन प्रोसेस रोकना होगा। इससे धोखाधड़ी करने वालों तक यूजर के नंबर वाला नया सिम नहीं पहुंच पाएगा। 
 

 

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