iPhone में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल नहीं करेगी Apple!

सरकार के नए स्मार्टफोन्स में संचार साथी ऐप ऐप को प्री-इंस्टॉल करने के आदेश के पीछे सायबर सिक्योरिटी का कारण बताया गया है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 2 दिसंबर 2025 21:06 IST
ख़ास बातें
  • एपल की इस आदेश को मानने की योजना नहीं है
  • सरकार के इस आदेश के पीछे सायबर सिक्योरिटी का कारण बताया गया है
  • इस आदेश का विपक्षी दलों ने भी कड़ा विरोध किया है

इस आदेश का उद्देश्य डिजिटल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों को रोकना है

दुनिया भर में लोकप्रिय iPhone बनाने वाली Apple को स्मार्टफोन्स में केंद्र सरकार के Sanchar Saathi ऐप को प्रीलोड करने के आदेश पर ऐतराज है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने  सभी स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स और इम्पोर्टर्स को देश में बिकने वाले डिवाइसेज पर संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने का आदेश दिया है। 

Reuters की एक रिपोर्ट में इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि एपल की इस आदेश को मानने की योजना नहीं है। दुनिया में कहीं भी कंपनी इस तरह के आदेश का पालन नहीं करती क्योंकि इससे एपल के iOS इकोसिस्टम के लिए प्राइवेसी और सिक्योरिटी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। एपल के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है। देश में इस वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी की iPhones की सेल्स 25 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। तीसरी तिमाही में कंपनी ने लगभग 50 लाख आईफोन्स की शिपमेंट की है। 

सरकार के नए स्मार्टफोन्स में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने के आदेश के पीछे सायबर सिक्योरिटी का कारण बताया गया है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस आदेश का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों का कहना है कि देश में लगभग 73 करोड़ स्मार्टफोन्स का एक्सेस हासिल करने के लिए सरकार इस तरीके का इस्तेमाल कर रही है। DoT की ओर से जारी किए आदेश में कहा गया है कि सभी स्मार्टफन मैन्युफैक्चरर्स और इम्पोर्टर्स को यह पक्का करना होगा कि देश में बिकने वाले डिवाइसेज पर संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल किया जाए। इस आदेश का उद्देश्य डिजिटल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों को रोकना और स्मार्टफोन्स के सेकेंड हैंड मार्केट में नकली डिवाइसेज की बिक्री पर नियंत्रण करना है। यह ऑर्डर नए हैंडसेट के लिए है लेकिन इनवेंटरी में मौजूद बिना बिके स्मार्टफोन्स के लिए भी मैन्युफैक्चरर्स को ओवर-द-एयर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए ऐप को इंस्टॉल करने का निर्देश दिया गया है। 

इस आदेश को लेकर विवाद होने के बाद टेलीकॉम मिनिस्टर Jyotiraditya Scindia ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यूजर्स के लिए संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं है। सिंधिया ने बताया, "यह ऐप पूरी तरह वैकल्पिक है। अगर आप इसे डिलीट करना चाहते हैं, तो आप कर सकते हैं। अगर आप रजिस्टर नहीं करना चाहते, तो आपको रजिस्टर नहीं करना चाहिए और इसे कभी भी हटा सकते हैं।"  

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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