ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म Amazon समेत टेक दिग्गज Microsoft को लेकर भारत के सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है। दरअसल, कुछ समय पहले तक Amazon के डिलीवरी अपडेट्स मोबाइल फोन पर SMS के जरिए प्राप्त होते थे, लेकिन अब कंपनियां इसके लिए Whatsapp, Telegram जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर रही हैं जो कि नियमों के विरुद्ध बताया गया है, और देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा बताया गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने टेलीकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल को एक पत्र लिखकर
Amazon, Microsoft जैसे टेक दिग्गजों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है कि ये कंपनियां अवैध तरीके से कस्टमर्स तक डिलीवरी अपडेट पहुंचा रही हैं। पहले जो अपडेट SMS के जरिए आता था, अब वह Whatsapp और Telegram के जरिए भेजा जा रहा है, जो कि अवैध तरीका है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया
Airtel, Reliance Jio और Vodafone-Idea से मिलकर बना है। TOI की
रिपोर्ट के अनुसार, ET ने एसोसिएशन द्वारा लिखा गया 31 अक्टूबर का पत्र देखा है।
एसोसिएशन का कहना है कि इसके कारण सरकार, और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। एसोसिएशन ने कहा है कि ये कंपनियां एसएमएस भेजने के लिए कानूनी रास्ते के इस्तेमाल से बच रही हैं। यह लाइसेंसिंग व सेफ्टी नियमों का उल्लंघन है जिससे सरकार को रिवेन्यु का नुकसान हो रहा है। साथ ही कहा गया है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल यानी 2022-2023 में इस तरह के कमर्शियल एसएमएस से होने वाला रिवेन्यु 2500 करोड़ रुपये था। अगर कंपनियां वॉट्सऐप और टेलीग्राम से डिलीवरी अपडेट मैसेज भेजने लगीं तो टेलीकॉम ऑपरेटर्स को इससे बड़ा नुकसान होगा। पत्र में एसोसिएशन ने मांग की है कि कमर्शिअल मैसेज भेजने के लिए वॉट्सऐप और टेलीग्राम को अवैध प्लेटफॉर्म घोषित किया जाए। भारत में इस तरह के मैसेज पर 0.13 रुपये चार्ज लगता है। जबकि ग्लोबल मैसेज पर 4 से 4.5 रुपये प्रति अलर्ट का चार्ज लगता है। एसोसिएशन के अनुसार कंपनियां इसी लागत से बचना चाहती हैं।