यह है दुनिया का सबसे छोटा रोबोट, चींटी से भी छोटा है साइज

चींटी से भी छोटे साइज के यह रोबोट जटिल मशीनरी, हाइड्रोलिक्स या बिजली पर काम नहीं करता है। इसके बजाय, इसकी पावर शरीर की इलास्टिसिटी और लचीलेपन से आती है।

यह है दुनिया का सबसे छोटा रोबोट, चींटी से भी छोटा है साइज

छोटे रोबोट मेडिकल फील्ड में भी बेहद काम आ सकते हैं

ख़ास बातें
  • यह रोबोट जटिल मशीनरी, हाइड्रोलिक्स या बिजली पर काम नहीं करता है
  • इसकी पावर शरीर की इलास्टिसिटी और लचीलेपन से आती है
  • इस रोबोट को Peekytoe केकड़े की शेप में डिजाइन किया गया है
विज्ञापन
अब तक का सबसे छोटा रिमोट-कंट्रोल्ड वॉकिंग रोबोट नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों द्वारा बनाया गया है, और यह एक छोटे, Peekytoe केकड़े की शेप में डिजाइन किया गया है। पीकीटो छोटे केकड़े होते हैं, जो केवल आधा मिलीमीटर लंबे होते हैं, झुक सकते हैं, मुड़ सकते हैं, रेंग सकते हैं, चल सकते हैं, मुड़ सकते हैं और कूद भी सकते हैं। रिसर्चर्स ने मिलीमीटर साइज के रोबोट भी बनाए हैं, जो इंचवर्म, क्रिकेट और बीटल से मिलते जुलते हैं। हालांकि, रिसर्च अभी भी अपने शुरुआती चरण में है। रिसर्चर्स को उम्मीद है कि उनकी टेक्नोलॉजी उन्हें बेहद छोटे साइज के रोबोट विकसित करने में मदद करेगी, जो बहुत संकरी जगहों में भी काम करने में सक्षम होंगे।

चींटी से भी छोटे साइज के यह रोबोट जटिल मशीनरी, हाइड्रोलिक्स या बिजली पर काम नहीं करता है। इसके बजाय, इसकी पावर शरीर की इलास्टिसिटी और लचीलेपन से आती है।

रोबोट बनाने के लिए रिसर्चर्स ने एक शेप-मैमोरी अलॉय का इस्तेमाल किया, जो गर्म होने पर अपनी निर्धारित शेप में परिवर्तित हो जाता है। टीम ने इसकी बॉडी के विभिन्न जगहों को जल्दी से गर्म करने के लिए एक स्कैनिंग लेजर बीम का उपयोग किया। ठंडा होने पर, कांच की एक पतली परत स्ट्रक्चर के विकृत कंपोनेंट को उसकी मूल शेप में लौटा देती है।

इस रिसर्च को Science Robotics में पब्लिश किया गया था।

इस रिसर्च को लीड करने वाले जॉन ए रोजर्स (John A Rogers) ने कहा, (अनुवादित) "रोबोटिक्स रिसर्च का एक रोमांचक क्षेत्र है, और सूक्ष्म रोबोट का विकास अकादमिक अन्वेषण के लिए एक मजेदार विषय है। आप सूक्ष्म रोबोट की कल्पना कर सकते हैं, जो इंडस्ट्री में छोटी संरचनाओं या मशीनों की मरम्मत या उन्हें इकट्ठा करने के लिए या सर्जिकल सहायक के रूप में बंद धमनियों को साफ करने के लिए, आंतरिक रक्तस्राव को रोकने के लिए या कैंसर के ट्यूमर को खत्म करने जैसे कार्यो में काम आ सकते हैं।”

एक चरण से दूसरे चरण में रोबोट ट्रांजीशन के रूप में लोकोमोशन बनाया जाता है, जो शेप को बदलने का काम करता है। लेजर न केवल रोबोट को दूर से सक्रिय करता है, बल्कि लेजर स्कैनिंग दिशा उसके चलने की दिशा भी निर्धारित करता है।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Smallest Robot in the World, Robot
गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. iPhone 15 Pro Max हो गया Rs 44 हजार तक सस्ता! चूक न जाए Amazon का यह धांसू ऑफर
  2. 4.1 अरब साल पहले मंगल पर था गर्म पानी! नई खोज में छुपा है 'मंगल पर जीवन' का राज?
  3. Realme GT Neo 7 फोन में मिलेगी 1.5K डिस्प्ले, 7000mAh की धांसू बैटरी! डिटेल्स लीक
  4. ट्रंप की जीत से टेस्ला के चीफ Elon Musk को जोरदार फायदा, वेल्थ हुई 334 अरब डॉलर से ज्यादा
  5. आधार कार्ड में नाम बदलवाने के लिए नियम हुए सख्त! अब करना होगा यह काम
  6. Vivo X200 सीरीज का भारत में लॉन्च कंफर्म! टीजर में दिखा फोन के कैमरा का दम
  7. Nubia V70 Design फोन लॉन्च हुआ 4GB रैम, 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ, जानें कीमत
  8. Oppo Reno 13 सीरीज में होगा मीडियाटेक का नया Dimensity 8350 प्रोसेसर, 16GB रैम
  9. नासा ने बनाया खास रोबोट, बृहस्पति के चांद पर बर्फ के नीचे महासागर में लगाएगा गोता!
  10. Reliance Jio ने बेचे 13.5 करोड़ JioPhone! अब सस्ते 5G फोन लाने की तैयारी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »