मंगल ग्रह पर कौन पढ़ रहा किताब! Nasa के रोवर ने खींची हैरान करने वाली तस्‍वीर

Mars : तस्‍वीर को मार्स हैंड लेंस इमेजर (MAHLI) की मदद से कैप्‍चर किया गया। चट्टान का साइज 2.5 सेंटीमीटर के लगभग है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 21 मई 2023 13:54 IST
ख़ास बातें
  • नासा के क्‍यूरियोसिटी रोवर ने ली तस्‍वीर
  • 3,800वें मंगल दिवस पर ली गई तस्‍वीर
  • खुली किताब जैसी आकृति है तस्‍वीर में

आसामान्‍य दिखने वाली चट्टानें मंगल ग्रह पर आमतौर पर पाई जाती हैं।

Photo Credit: Nasa

पृथ्‍वी से बाहर जीवन की संभावना की तलाश में वैज्ञानिक मंगल ग्रह को टटोल रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने लाल ग्रह पर कई मिशन भेजे हैं। उन्‍हीं में से एक है नासा का क्यूरियोसिटी मार्स रोवर (Curiosity Mars rover)। पिछले महीने की 15 तारीख को जब क्यूरियोसिटी रोवर का लाल ग्रह पर 3,800वां मंगल दिवस था, एक तस्‍वीर ली गई। तस्‍वीर एक चट्टान की है, जिसे टेरा फ‍िरमे (Terra Firme) कहा जाता है। टेरा फ‍िरमे किसी किताब के खुले पन्‍नों जैसी लगती है। लगता है कि कोई उस किताब को पढ़ने के लिए खोल गया है। तस्‍वीर को मार्स हैंड लेंस इमेजर (MAHLI) की मदद से कैप्‍चर किया गया। चट्टान का साइज 2.5 सेंटीमीटर के लगभग है। 

नासा की जेट प्रोपल्‍शन लेबोरेटरी के अनुसार, आसामान्‍य दिखने वाली चट्टानें मंगल ग्रह पर आमतौर पर पाई जाती हैं। नासा का कहना है कि इस तरह की चट्टानों का निर्माण अतीत में दरारों के जरिए पानी रिसने से हुआ। मंगल ग्रह के विभ‍िन्‍न इलाकों में इस तरह की चट्टानें मिलती हैं, जो यह बताती हैं कि कभी इस ग्रह पर पानी हुआ करता था। 

नासा का क्यूरियोसिटी मार्स रोवर साल 2012 में अगस्‍त महीने में मंगल ग्रह पर पहुंचा था। यह कार के आकार की एक मोबाइल लैब है। क्यूरियोसिटी मार्स रोवर का मकसद मंगल ग्रह की जलवायु, जियोलॉजी आदि का पता लगाना है। यह भी जानना है कि अतीत में यह ग्रह जीवन के लिए कितना अनुकूल था और भविष्‍य में क्‍या संभावनाएं हैं।  

क्यूरियोसिटी मार्स रोवर में तमाम आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जिनमें कैमरा, स्पेक्ट्रोमीटर और सेंसर शामिल हैं। जो डेटा यह रोवर जुटा रहा है, उससे वैज्ञानिकों को इस ग्रह के इतिहास और डेवलपमेंट को समझने में मदद मिलेगी। 

इसी साल फरवरी में नासा ने क्‍यूरियोसिटी रोवर द्वारा ली गईं कुछ तस्‍वीरें शेयर की थीं। उन्‍हें देखकर लग रहा था कि मंगल ग्रह पर कभी पानी की कोई झील रही होगी। नासा ने संभावना जताई थी कि यह किसी प्राचीन झील के निशान हो सकते हैं। जिस जगह की तस्‍वीर ली गई, उसे सल्फेट बियरिंग यूनिट के नाम से जाना जाता है। 
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