अंतरिक्ष में कूड़ा कहां और कैसे फेंकते हैं एस्‍ट्रोनॉट? देखें Photo

इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में एक स्‍पेसवॉक के बाद एस्‍ट्रोनॉट्स ने गैरजरूरी सामान को बाहर फेंका।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 20 दिसंबर 2024 13:51 IST
ख़ास बातें
  • आईएसएस पर की गई स्‍पेसवॉक
  • अंतरिक्ष यात्रियों ने कूड़ा भी किया अलग
  • रोबोटिक आर्म की मदद से फेंका गया कूड़ा

अंतरिक्ष में रहने के दौरान बहुत सारा वेस्‍ट मटीरियल निकलता है, इसमें वो इक्विपमेंट भी शामिल होते हैं, जिन्‍हें समय-समय पर रिप्‍लेस किया जाता है।

Photo Credit: Nasa

Space News : धरती से 400 किलोमीटर ऊपर इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) वो जगह है, जहां एस्‍ट्रोनॉट्स की एक टीम हमेशा तैनात रहती है। इस स्‍पेस स्‍टेशन को रूस, अमेरिका समेत कुछ और देश मिलकर ऑपरेट करते हैं। अंतरिक्ष में रहने के दौरान बहुत सारा वेस्‍ट मटीरियल निकलता है, इसमें वो इक्विपमेंट भी शामिल होते हैं, जिन्‍हें समय-समय पर रिप्‍लेस किया जाता है। यह एक तरह का कूड़ा होता है, जिसे डिस्‍पोज करने के भी तरीके हैं। अंतरिक्ष से आई लेटेस्‍ट तस्‍वीर में एक एस्‍ट्रोनॉट को ‘कूड़ा' फेंकते हुए देखा जा सकता है। 

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, एक रूसी अंतरिक्ष यात्री, आईएसएस के रोबोटिक आर्म पर अटैच होकर अंतरिक्ष में बाहर निकला। उसने उन पुराने इक्विपमेंट्स को अंतरिक्ष में फेंक दिया, जिन्‍हें 19 दिसंबर की स्‍पेसवॉक के दौरान बदला गया था।  

रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपीडिशन 72 (Expedition 72) मिशन के फ्लाइट इंजीनियर एलेक्सी ओविचिनिन ने इवान वैगनर के साथ करीब 7 घंटे की स्‍पेसवॉक की थी। इस दौरान उन्‍होंने गैरजरूरी इलेक्ट्रिकल कनेक्‍टर्स, कवर्स और एक एक्‍सपेरिमेंट बूम को आईएसएस से अलग किया। बाद में इवान वैगनर ने रोबोटिक आर्म से अटैच होकर सारे कचरे को अंतरिक्ष में फेंक दिया। इस दौरान उनके एक और साथी एलेक्सांद्र गोरबुनोव, स्‍पेस स्‍टेशन के अंदर से 37 फुट लंबे रोबोटिक आर्म को कंट्रोल कर रहे थे। 

जैसे ही रोबोटिक आर्म, पहले से तय पॉइंट पर पहुंचा, ओविचिनिन ने सारा कूड़ा फेंक दिया। रिपोर्ट के अनुसार, यह अब पृथ्‍वी के वायुमंडल में प्रवेश करके जल जाएगा। एस्‍ट्रोनॉट्स की कोशिश सफल रही और सारा कूड़ा आईएसएस से दूर जा रहा है। 

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 7 घंटे की स्‍पेसवॉक के दौरान ओविचिनिन और वैगनर ने ज्‍वेज्‍दा सर्विस मॉड्यूल पर भी काम किया। उन्‍होंने ‘ऑल-स्काई मॉनिटर' नाम का एक एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर वहां इंस्‍टॉल किया था। 
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धरती पर कूड़ा फेंकना जितना आसान है, अंतरिक्ष में यह टास्‍क उतना ही मुश्किल है। वहां वैज्ञानिकों को एक-एक काम पूरी तैयारी और तकनीक के साथ करना पड़ता है। 
 
 

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