24 अरब किलोमीटर दूर से आई खुशखबरी! 6 महीनों से ‘चुप’ वोयाजर 1 स्‍पेसक्राफ्ट हुआ ठीक

Voyager 1 News : नवंबर 2023 में स्‍पेसक्राफ्ट ने पृथ्‍वी पर पढ़ने लायक डेटा भेजना बंद कर दिया था।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 17 जून 2024 12:31 IST
ख़ास बातें
  • वोयाजर 1 स्‍पेसक्राफ्ट पूरी तरह ठीक हुआ
  • सभी साइंस इंस्‍ट्रूमेंट करने लगे काम
  • पृथ्‍वी से 24 किलोमीटर दूर है स्‍पेसक्राफ्ट

वोयाजर स्‍पेसक्राफ्ट को साल 1977 में लॉन्‍च किया गया था।

Photo Credit: Nasa

Voyager 1 spacecraft News : लगभग 24 अरब किलोमीटर दूर से वैज्ञानिकों को बड़ी खुशखबरी मिली है। पिछले साल नवंबर से ‘चुप' बैठा नासा (Nasa) का वोयाजर 1 स्‍पेसक्राफ्ट (Voyager 1) पूरी तरह से ठीक हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, स्‍पेसक्राफ्ट के सभी चार साइंस इंस्‍ट्रूमेंट पृथ्‍वी पर जरूरी डेटा भेजने लगे हैं। नवंबर 2023 में स्‍पेसक्राफ्ट ने पृथ्‍वी पर पढ़ने लायक डेटा भेजना बंद कर दिया था। नासा की जेट प्रोपल्‍शन लेबोरेटरी (Nasa JPL) को इसकी जांच सौंपी गई। टीम ने एक खराब चिप का पता लगाया जो अभियान को बाधा पहुंचा रही थी।    

Voyager 1 से वैज्ञानिकों को जो डेटा मिलता है, वो बाइनरी कोड यानी 0 और 1 में होता है। स्‍पेसक्राफ्ट में दिक्‍कत आई तो उसने अस्‍पष्‍ट डेटा भेजना शुरू कर दिया। वैज्ञानिक ऐसी स्थिति का अनुमान लगा रहे थे, क्‍योंकि स्‍पेसक्राफ्ट 46 साल पुराना हो गया है।   

अप्रैल में वैज्ञानिकों को कामयाबी मिली, जब इसने पढ़ने लायक डेटा फ‍िर से पृथ्‍वी पर भेजना शुरू कर दिया। हालांकि तब भी इसके 2 साइंस इंस्‍ट्रूमेंट ही ठीक काम कर पा रहे थे। अब पता चला है कि Voyager 1 के सभी चार साइंस इंस्‍ट्रूमेंट ठीक तरीके से काम कर रहे हैं। 

परेशानी को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने कोडिंग का इस्‍तेमाल किया। वोयाजर स्‍पेसक्राफ्ट को साल 1977 में लॉन्‍च किया गया था। पृथ्‍वी से 24 अरब किलोमीटर दूर होने की वजह से इसका संदेश पृथ्‍वी पर काफी देर से पहुंचता है। पृथ्‍वी से जब भी कोई मैसेज वोयाजर 1 को भेजा जाता है, तो उसे स्‍पेसक्राफ्ट तक पहुंचने में 22.5 घंटे का लग जाते हैं।

वोयाजर 1 की सफलता के बाद वैज्ञानिकों ने साल 2018 में Voyager 2 स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च किया था। दोनों स्‍पेसक्राफ्ट अपने साथ ‘गोल्डन रिकॉर्ड्स' ले गए हैं। यह 12 इंच की सोने की परत वाली तांबे की एक डिस्क है, जिसका मकसद हमारी दुनिया यानी पृथ्‍वी की कहानी को अलौकिक दुनिया (extraterrestrials) तक पहुंचाना है। वोयाजर 1 और 2 स्‍पेसक्राफ्ट का मकसद बृहस्‍पति और शनि ग्रह के सिस्‍टमों को स्‍टडी करना है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. भारत में Tesla की धीमी रफ्तार, सितंबर में Model Y की सिर्फ 60 यूनिट्स की डिलीवरी
#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में Tesla की धीमी रफ्तार, सितंबर में Model Y की सिर्फ 60 यूनिट्स की डिलीवरी
  2. मारूति सुजुकी की e-Vitara को दिसंबर में लॉन्च करने की तैयारी
  3. UPI से पेमेंट्स हुई आसान, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की मिलेगी सुविधा
  4. WhatsApp, Signal और Telegram के छूटेंगे पसीने? Arattai लेकर आ रहा है ये सिक्योरिटी फीचर
  5. Oppo Find X9 Ultra में मिल सकते हैं 2 टेलीफोटो कैमरा
  6. 6 महीनों में पेट्रोल जितनी सस्ती होंगी इलेक्ट्रिक कारें, भारत बनेगा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में लीडर!
  7. क्रिप्टो मार्केट पर सख्ती कर सकती है सरकार, RBI के सपोर्ट वाली डिजिटल करेंसी होगी लॉन्च
  8. Lava Shark 2 में मिलेगी 50 मेगापिक्सल AI ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
  9. WhatsApp कर रहा स्टेटस अपडेट के नए फीचर पर काम, टेस्टिंग शुरू, जानें क्या होगा बदलाव
  10. AI वीडियो जनरेशन की जंग में कूदे Elon Musk, अब Grok बनाएगा फिल्म, जानें कब होगी रिलीज?
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.