भारत के चंद्रयान-3
(Chandrayaan 3) मिशन के बाद गुरुवार को जापान ने भी चांद पर अपना
मिशन लॉन्च कर दिया। जापानी स्पेस एजेंसी जाक्सा (JAXA) ने स्लिम स्पेसक्राफ्ट (SLIM) को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के मकसद से रवाना किया। H-2A नाम के रॉकेट ने ‘स्लिम' स्पेसक्राफ्ट को लेकर उड़ान भरी। इसी रॉकेट के जरिए XRISM स्पेस टेलिस्कोप को भी रवाना किया गया, जो अपनी मंजिल पर पहुंचने के बाद ब्रह्मांड की कुछ सबसे गर्म जगहों का अवलोकन करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समय के अनुसार सुबह 7:42 बजे तनेगाशिमा स्पेस सेंटर से मिशन लॉन्च हुए। एक घंटे से भी कम वक्त में दोनों स्पेसक्राफ्ट को उनकी कक्षा में पहुंचा दिया गया। स्लिम स्पेसक्राफ्ट को अपना सफर अब खुद तय करना है। सबकुछ सही रहा, तो अगले कुछ महीनों में यह चांद पर पहले से तय जगह पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा।
खास यह है कि भारत का चंद्रयान-3 करीब 40 दिनों में अपने लक्ष्य तक पहुंच गया था, जबकि जाक्सा के SLIM को इसमें ज्यादा समय लगेगा। रिपोर्ट के अनुसार, चांद तक पहुंचने के लिए SLIM स्पेसक्राफ्ट लंबा रास्ता तय करेगा, जिसमें कम ईंधन की खपत होगी। यह तीन से चार महीने में चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचेगा। फिर करीब एक महीने तक चंद्रमा का चक्कर लगाते हुए उसे टटोलेगा।
उसके बाद शियोली क्रेटर (Shioli Crater) में लैंडिंग की कोशिश की जाएगी। जापानी स्पेस एजेंसी ने कहा है कि SLIM का लक्ष्य तय जगह पर सटीक लैंडिंग को हासिल करना और एक प्रोब के तौर पर मिशन को सफल बनाना है। SLIM लैंडर की तुलना भारत के विक्रम लैंडर से की जाए, तो यह वजन में बहुत कम है। SLIM लैंडर लगभग 200 किलो का है, जबकि विक्रम लैंडर का वजन 1750 किलो था। विक्रम लैंडर ने चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग की थी, जहां आजतक कोई और देश अपना मिशन नहीं पहुंचा सका है।