गोली की रफ्तार से पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा Asteroid, तबाही मचाने को ‘बेकरार’, जानें पूरा मामला

Asteroid alert : यह एस्‍टरॉयड 66 लाख किलोमीटर तक हमारी पृथ्‍वी के नजदीक आएगा।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 5 दिसंबर 2022 15:31 IST
ख़ास बातें
  • एस्‍टरॉयड 2022 VP1 अपोलो ग्रुप से ताल्‍लुक रखता है
  • नासा ने इसे संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में रखा है
  • हालांकि इसके पृथ्‍वी से टकराने की कोई संभावना नहीं है

ऐसे एस्‍टरॉयड जो पृथ्‍वी के लगभग 80 लाख किलोमीटर तक अंदर आते हैं, उन्‍हें संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में रखा जाता है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने बताया है कि कमर्शल एयरक्राफ्ट के साइज का एक एस्‍टरॉयड (Asteroid) हमारी पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। यह पृथ्‍वी के काफी नजदीक से होकर गुजरेगा, जिस वजह से इसे ‘संभावित रूप से खतरनाक' की क‍ैटिगरी में रखा गया है। एस्‍टरॉयड, अंतरिक्ष में घूमने वाले वो चट्टानें हैं, जो समय-समय पर पृथ्‍वी के नजदीक आती हैं। वैज्ञानिक इन पर नजर बनाए रखते हैं, क्‍योंकि अगर कोई एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी से टकराया, तो बड़ी तबाही मचा सकता है।     

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, जो एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के नजदीक आ रहा है, उसका नाम Asteroid 2022 VP1 है। कमर्शल विमान के आकार के इस एस्‍टरॉयड की चौड़ाई लगभग 170 फीट है। यह एस्‍टरॉयड 25 हजार 455 किलोमीटर प्रति घंटे की स्‍पीड से सफर कर रहा है और 66 लाख किलोमीटर तक हमारी पृथ्‍वी के नजदीक आएगा। ऐसे एस्‍टरॉयड जो पृथ्‍वी के लगभग 80 लाख किलोमीटर तक अंदर आते हैं, उन्‍हें संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में रखा जाता है। 

एस्‍टरॉयड 2022 VP1 अपोलो ग्रुप से ताल्‍लुक रखता है। इसे सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 881 दिन लगते हैं। इस दौरान सूर्य से इसकी अधिकतम दूरी 397 मिलियन किलोमीटर और न्यूनतम दूरी 141 मिलियन किलोमीटर होती है। एस्‍टरॉयड को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्‍कर लगाते हैं, उसी तरह एस्‍टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्‍टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्‍टरॉयड का पता लगा चुके हैं। 

एस्‍टरॉयड को तीन वर्गों- सी, एस और एम टाइप में बांटा गया है। सी-टाइप (चोंड्राइट chondrite) एस्‍टरॉयड सबसे आम हैं। ये संभवतः मिट्टी और सिलिकेट चट्टानों से बने होते हैं और दिखने में गहरे रंग के होते हैं। ये सौर मंडल की सबसे पुरानी चीजों में एक हैं। एस टाइप के एस्‍टरॉयड सिलिकेट मटीरियल और निकल-लौह से बने होते हैं। वहीं एम टाइप एस्‍टरॉयड मैटलिक (निकल-लौह) हैं। इनकी संरचना सूर्य से दूरी पर निर्भर करती है। 
 

 

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