चंद्रमा सिकुड़ रहा है, लाखों साल में 150 फीट छोटा हो गया! अब मून मिशनों का क्‍या होगा? जानें

Moon is shrinking : कुछ फॉल्‍ट तो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) के पास पैदा हो रहे हैं, जहां भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने लैंडिंग की थी।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 2 फरवरी 2024 13:56 IST
ख़ास बातें
  • नई स्‍टडी ने चंद्रमा के बारे में चौंकाने वाली जानकारी दी
  • लाखों साल में 150 फीट तक सिकुुड़ गया चांद
  • यह प्रक्रिया जारी है यानी चंद्रमा अभी और सिकुड़ेगा

Nasa के लूनर रिकोनाइसेंस ऑर्बिटर यानी LRO की मदद से चंद्रमा की सतह पर हजारों की संख्‍या में छोटे और नए थ्रस्ट फॉल्ट की जानकारी मिली है।

Photo Credit: Nasa

एक नई स्‍टडी ने चंद्रमा के बारे में चौंकाने वाली जानकारी दी है। यह पता चला है कि चंद्रमा का आंतरिक भाग धीरे-धीरे ठंडा हो रहा है और सिकुड़ता जा रहा है। इसकी वजह से चांद पर भूकंप और फॉल्‍ट बढ़ रहे हैं। कुछ फॉल्‍ट तो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) के पास पैदा हो रहे हैं, जहां भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने लैंडिंग की थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी भी इसी इलाके में आर्टेमिस 3 मिशन को उतारने की योजना बना रही है। क्‍या चंद्रमा के सिकुड़ने के कारण नासा और अन्‍य स्‍पेस एजेंसियों के प्रोजेक्‍ट्स को झटका लगेगा, आइए जानते हैं। 

हाल‍िया स्‍टडी को प्लैनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है। स्‍टडी के लिए फंड का इंतजाम नासा ने किया था। पता चला है कि चंद्रमा लगातार सिकुड़ रहा है। लाखों वर्षों में यह 150 फीट तक छोटा हुआ है। इस वजह से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भूकंप आ रहे हैं। 

Nasa के लूनर रिकोनाइसेंस ऑर्बिटर यानी LRO की मदद से चंद्रमा की सतह पर हजारों की संख्‍या में छोटे और नए थ्रस्ट फॉल्ट की जानकारी मिली है। इस वजह से चांद पर जो भूकंप आ रहे हैं, उनमें से कुछ को अपोलो पैसिव सेस्मिक नेटवर्क ने भी रिकॉर्ड किया। इस नेटवर्क को करीब 50 साल पहले अपोलो अंतरिक्ष मिशन के यात्रियों ने चंद्रमा पर लगाया था। 

चांद के सिकुड़ने की सबसे बड़ी वजह इसके निर्माण को बताया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार चांद का निर्माण एस्‍टरॉयड और धूमकेतुओं के टकराने से हुआ। इससे चांद का अंदरुनी हिस्‍सा गर्म हो गयाा जो अब ठंडा हो रहा है। कहा यह जा रहा है कि जैसे-जैसे चांद ठंडा होता जाएगा, वह और सिकुड़ेगा। 

हालांकि इससे भविष्‍य के मून मिशनों पर कोई बड़ा असर पड़ेगा, यह कहना गलत होगा। नासा या किसी भी अन्‍य स्‍पेस एजेंसी ने यह नहीं कहा है कि चांद के सिकुड़ने और वहां आ रहे भूकंपों की वजह से फ्चूयर मून मिशनों पर कोई प्रभाव पड़ेगा। 
Advertisement

 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Oppo Reno 15 Pro Max में 12GB रैम, Dimensity चिपसेट का खुलासा, लॉन्च से पहले यहां दिखा फोन
#ताज़ा ख़बरें
  1. Honor Magic V6 में हो सकती है 7,200mAh की बैटरी, 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा
  2. OnePlus 15T में मिल सकती है 7,000mAh से अधिक की बैटरी, जल्द लॉन्च की तैयारी
  3. एस्टरॉयड अलर्ट! नासा ने बताया, 220 फीट बड़े 4 एस्टरॉयड बढ़ रहे पृथ्वी की तरफ
  4. Samsung Galaxy S26 में होगा 320MP कैमरा सपोर्ट वाला चिपसेट, लॉन्च से पहले खुलासा
  5. WhatsApp यूजर्स सावधान! GhostPairing से हैक हो सकता है आपका अकाउंट, ऐसे करें बचाव
  6. Oppo Reno 15 Pro Max में 12GB रैम, Dimensity चिपसेट का खुलासा, लॉन्च से पहले यहां दिखा फोन
  7. OnePlus Turbo में मिल सकती है धांसू 9000mAh बैटरी, अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट की सिक्योरिटी!
  8. YouTube Down: Google Search, YouTube ने यूजर्स को रुलाया, डाउन हुई सर्विस, X पर फूटा गुस्सा
  9. 6000 से ज्यादा सस्ता मिल रहा Samsung का 5000mAh बैटरी वाला 5G फोन, सबसे बेस्ट ऑफर
  10. Bitcoin में आ सकती है तेजी, Citigroup ने दिया 1,43,000 डॉलर का टारगेट
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.