दुनिया का सबसे भारी रॉकेट स्टारशिप (Starship) एक बार फिर लॉन्च टेस्ट के लिए तैयार हो रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, 3 से 5 सप्ताह में इसे चौथी बार परीक्षण के लिए लॉन्च किया जा सकता है। खुद एलन मस्क ने इसकी तस्दीक की है। वह स्टारशिप को बनाने वाली स्पेसएक्स (SpaceX) के मालिक हैं। रॉयटर्स की
रिपोर्ट के अनुसार, एक सवाल के जवाब में मस्क ने कहा कि आने वाले लॉन्च का मकसद यह है कि स्टारशिप पिछली बार से ज्यादा हीट जनरेट करे। गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में स्टारशिप रॉकेट को तीसरी बार टेस्ट किया गया था और वह टेस्ट लगभग कामयाब रहा था। स्टारशिप ने अपने टेस्ट फ्लाइट पूरी की थी, लेकिन आखिरी समय में कंट्रोल रूम से उसका संपर्क टूट गया।
What is Starship
स्टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट है। इसमें मुख्य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्टर। स्टारशिप और बूस्टर को मिलाकर इसकी लंबाई 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है।
क्या काम करेगा स्टारशिप?
वैज्ञानिकों का मानना है कि स्टारशिप रॉकेट की मदद से भविष्य में इंसानों और जरूरी साजो-सामान को चंद्रमा और मंगल ग्रह तक ले जाया जा सकेगा। ऐसा हुआ तो इंसान पृथ्वी तक सीमित ना रहकर मल्टीप्लैनेटरी प्रजाति बन जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी, आर्टिमिस मिशन के तहत इंसानों को चांद पर भेजने की योजना बना रही है। चांद के बाद मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने की योजना है। अगले कुछ दशकों को इस प्लान को पूरा करने के लिए स्टारशिप जैसे रॉकेट बहुत काम आ सकते हैं।
एलन मस्क
बता चुके हैं कि स्टारशिप रॉकेट आखिरकार 500 फीट ऊंचा होगा। यह मौजूदा वक्त में टेस्ट किए जा रहे स्टारशिप रॉकेट से 20 फीसदी ज्यादा है। मार्स (मंगल) मिशन को ध्यान में रखते हुए स्टारशिप का आकार बढ़ाया जाएगा।