वैज्ञानिकों ने बनाई विशालकाय तारे की 3D इमेज, देखिए धधकते हुए आग के गोले को

यह पृथ्वी से 3,009 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर कैनिस मेजर के दक्षिणी तारामंडल में स्थित है।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 23 जून 2022 13:37 IST
ख़ास बातें
  • ‘VY कैनिस मेजरिस’ नाम है इस विशाल तारे का
  • पृथ्वी से 3,009 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है
  • वैज्ञानिक इसके बारे में और जानकारी जुटा रहे हैं

ऐसे तारे बहुत विशाल और दुर्लभ होते हैं। आकाशगंगा में इनकी संख्‍या काफी कम बताई जाती है।

खगोलविदों की टीम ने एक विशाल तारे की पहली डिटेल्‍ड और थ्री-डाइमेंशनल (3D) पिक्‍चर बनाई है। एरिजोना यूनिवर्सिटी के खगोलविदों के नेतृत्व में टीम ने ‘VY कैनिस मेजरिस' नाम के विशालकाय तारे की एक इमेज हासिल की। ऐसे तारे बहुत विशाल और दुर्लभ होते हैं। आकाशगंगा में इनकी संख्‍या काफी कम बताई जाती है। वैज्ञानिकों ने जिस तारे का विश्‍लेषण किया, वह पृथ्वी से 3,009 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर कैनिस मेजर के दक्षिणी तारामंडल में स्थित है। इसे एक पल्‍सेटिंग वेरिएबल स्‍टार बताया गया है जिसका आकार 10,000 से 15,000 एस्‍ट्रोनॉमिकल यूनिट्स के बीच माना जाता है। 

टीम के लीड रिसर्चर लुसी जियुरी के अनुसार, VY तारा शायद हमारी मिल्की वे का सबसे विशाल तारा है। यह काफी बड़ा है और हर 200 साल में इसमें विस्‍फोट भी होते हैं। एक अन्‍य लीड रिसर्चर अंबेश सिंह ने कहा कि टीम यह जानना चाहती थी कि किसी तारे के जीवन के अंतिम चरण में क्या होता है। अब तक हम सोचते थे कि बड़े तारों में सुपरनोवा विस्फोट होता है, लेकिन अब हम इसके बारे में निश्चित नहीं हैं। रिसर्चर अभी भी इस तारे के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर रहे हैं। इससे आने वाले वक्‍त में तारे की एक बेहतर रेजॉलूशन वाली इमेज बनाई जा सकेगी।

तारों से जुड़ी अन्‍य खबरों की बात करें, तो खगोलविदों ने एक नए जन्‍मे पल्सर (pulsar) का पता लगाया है, जो सिर्फ 14 साल का हो सकता है। एक सुपरनोवा में हुए विस्फोट और उससे निकली ऊर्जा के बाद वैज्ञानिकों ने इस पल्सर ऑब्‍जर्व किया। इस पल्‍सर को पृथ्वी से 395 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर एक आकाशगंगा में पाया गया है। सबसे पहले इसे एक ऑब्‍जेक्‍ट के रूप में साल 2018 में न्यू मैक्सिको में स्थित वेरी लार्ज एरे स्काई सर्वे (VLASS) के जरिए देखा गया था। यह एक युवा पल्सर है, जिसकी उम्र केवल 14 वर्ष हो सकती है। यह दावा एस्‍ट्रोनॉमी के प्रोफेसर ग्रेग हॉलिनन ने किया है, जो इस पल्‍सर की पहचान करने वाली टीम में शामिल थे। 

पल्सर एक प्रकार का न्यूट्रॉन तारा होता है। न्यूट्रॉन तारों का निर्माण तब होता है, जब एक मेन कैटिगरी का तारा अपने खुद के साइज और वजन की वजह से कंप्रेस हो जाता है। उसके बाद एक सुपरनोवा विस्फोट में यह ढह जाता है, जिसकी बदौलत पल्‍सर तारे बनते हैं। अभी खोजे गए न्‍यूट्रॉन तारे का नाम ‘वीटी 1137-0337' है।
 
 

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