वैज्ञानिकों ने ढूंढा ‘बेबी’ एक्‍सोप्‍लैनेट, 14 दिन के बच्‍चे जितनी उम्र, जानें इसके बारे में

वैज्ञानिकों ने पृथ्‍वी के बेहद नजदीक एक ‘बेबी’ एक्‍सोप्‍लैनेट का पता लगाया है। यह एक गैसीय एक्‍साेप्‍लैनेट है, जिसका डायामीटर बृहस्‍पति ग्रह से थोड़ा ही कम है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 29 नवंबर 2024 17:05 IST
ख़ास बातें
  • एक ‘बेबी’ एक्‍सोप्‍लैनेट का पता चला है
  • पृथ्‍वी से 520 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है
  • सिर्फ 8.8 दिनों में लगा लेता है तारे का एक चक्‍कर

रिसर्चर्स का कहना है कि यह खोज हमें ग्रहों के निर्माण के बारे में बताती है।

Photo Credit: NASA/JPL-Caltech/R. Hurt, K. Miller (Caltech/IPAC)

वैज्ञानिकों ने पृथ्‍वी के बेहद नजदीक एक ‘बेबी' एक्‍सोप्‍लैनेट का पता लगाया है। यह एक गैसीय एक्‍साेप्‍लैनेट है, जिसका डायामीटर बृहस्‍पति ग्रह से थोड़ा ही कम है। TIDYE-1b नाम का एक्‍सोप्‍लैनेट, एक प्रोटोस्‍टार का चक्‍कर लगाता है और अभी भी बड़ा हो रहा है। यह पृथ्‍वी से लगभग 520 प्रकाश वर्ष की दूरी पर टॉरस मालिक्‍यूलर क्‍लाउड में है और सिर्फ 8.8 दिनों में अपने तारे का चक्‍कर लगा लेता है। गौरतलब है कि एक्‍सोप्‍लैनेट उन ग्रहों को कहा जाता है, जो हमारे सूर्य की नहीं, बल्कि किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक एक्‍सोप्‍लैनेट्स को खोज रहे हैं, ताकि उनमें जीवन की संभावनाओं का पता लगाया जा सके। 

दिलचस्‍प यह है कि एक्‍सोप्‍लैनेट जितना नया है, उतना ही नया है इसका तारा। इसीलिए उसे प्रोटोस्‍टार कहा गया है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रोटोस्टार की उम्र के आधार पर वैज्ञानिकों ने TIDYE-1b की उम्र 30 लाख साल आंकी है। रिसर्चर्स ने कहा है कि अगर इस एक्‍सोप्‍लैनेट की उम्र का कंपेरिजन इंसान के जीवनकाल से करें तो एक्‍सोप्‍लैनेट अभी 2 हफ्ते के ‘बेबी' जितना है इसीलिए इसे बेबी एक्‍सोप्‍लैनेट भी कहा गया है।   

नेचर जर्नल में पब्ल्शि स्‍टडी में रिसर्चर्स ने बेबी एक्‍सोप्‍लैनेट के बारे में बताया है। इसका पता नासा (Nasa) के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) से मिले डेटा से चला। रिसर्चर्स का कहना है कि यह खोज हमें ग्रहों के निर्माण के बारे में बताती है। हम ब्रह्मांड में अपनी जगह भी तलाश सकते हैं कि पृथ्‍वी कितनी पुरानी है। कहां से बनी होगी और कहां जा रही है। 

खास बात है कि एक्सोप्लैनेट बहुत जल्‍दी नजर नहीं आते। शुरुआती वर्षों में उन्‍हें नहीं देखा जा सकता, क्‍योंकि वो धूल, गैस व अन्‍य चीजों से ढके होते हैं। धीरे-धीरे जब धूल और गैस छंटती है तो वह दिखाई देने लग जाते हैं।
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: NASA, Science News In Hindi, exoplanet, protostar

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. अब पाकिस्तान में रिपोर्टिंग करेगी हूबहू इंसानी हाव-भाव वाली AI रिपोर्टर!
#ताज़ा ख़बरें
  1. जनसंख्या को भी AI से खतरा? एक्सपर्ट बोले 2300 तक धरती पर सिर्फ 10 करोड़ लोग बचेंगे!
  2. Vivo Y400 Pro 5G vs Motorola Edge 60 vs Poco X7 Pro 5G: जानें कौन सा फोन है 30 हजार में बेस्ट
  3. अब पाकिस्तान में रिपोर्टिंग करेगी हूबहू इंसानी हाव-भाव वाली AI रिपोर्टर!
  4. भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का स्पेस मिशन फिर टला, लॉन्च की नई तिथि का इंतजार
  5. BSNL ने लॉन्च की 5G फिक्स्ड वायरलेस ब्रॉडबैंड सर्विस, जानें प्राइस
  6. EPFO ने दी खुशखबरी, अब कर्मचारी चेहरा दिखा कर जनरेट कर पाएंगे UAN नंबर
  7. Infinix GT 30 Pro vs Realme P3 Ultra vs iQOO Neo 10R: जानें कौन सा मिड रेंज फोन है बेहतर
  8. एयर कंडीशनर में टन का क्या होता है अर्थ, खरीदने से पहले जरूर जान लें ये बात
  9. Oppo के Find X9 Pro में मिल सकता है Samsung ISOCELL HP5 कैमरा
  10. Oppo Reno 14 5G सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, Amazon, Flipkart के जरिए बिक्री
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.