धरती के चारों तरफ मिला छुपा हुआ इलेक्ट्रिक फील्ड! यह नहीं होता तो ...

यह हल्का इलेक्ट्रिक फील्ड बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

धरती के चारों तरफ मिला छुपा हुआ इलेक्ट्रिक फील्ड! यह नहीं होता तो ...

Photo Credit: NASA

भू-वैज्ञानिकों ने धरती के चारों ओर फैले एक नए इलेक्ट्रिक फील्ड का पता लगाया है।

ख़ास बातें
  • यह हल्का इलेक्ट्रिक फील्ड बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
  • यह इलेक्ट्रिक फील्ड काफी कमजोर है और केवल 0.55 वोल्ट का है।
  • वायुमंडल को विद्युतीय स्तर पर न्यूट्रल बनाए रखने का करता है काम।
विज्ञापन
भू-वैज्ञानिकों ने धरती के चारों ओर फैले एक नए इलेक्ट्रिक फील्ड का पता लगाया है। पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद यह हल्का इलेक्ट्रिक फील्ड एक थ्योरी की पुष्टि करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह इलेक्ट्रिक फील्ड काफी कमजोर है और केवल 0.55 वोल्ट का है। इस विद्युत क्षेत्र की स्टडी की मदद से धरती के वायुमंडल के विकास का इतिहास जाना जा सकता है। साथ ही यह भी पता लगाया जा सकता है कि यहां पर जीवन के लिए हालात कैसे अनुकूल बने रहते हैं। 

NASA के Goddard Space Flight Center में वायुमंडल के वैज्ञानिक ग्लिन कॉलिन्सन ने एंड्यूरेंस रॉकेट मिशन का नेतृत्व किया था। इस मिशन के तहत सफलतापूर्वक इस इलेक्ट्रिक फील्ड को मापा गया था। मई 2022 में सवालबार्ड नॉर्वे के ऊपर इसे मापा गया था। कॉलिन्सन ने इसे एक प्लेनेटरी एनर्जी फील्ड कहा है। यह अभी तक वैज्ञानिकों की दृष्टि से छुपा हुआ था। इस इलेक्ट्रिक फील्ड का मौजूद होना दशकों पहले हुई एक खोज के बारे में महत्वपूर्ण बिंदू साबित हो सकता है। 

दरअसल वैज्ञानिकों ने काफी समय पहले 'ध्रुवीय हवा' (Polar Wind) की थ्योरी दी थी। जब सूर्य की रोशनी धरती के ऊपरी वायुमंडल से टकराती है तो यह नेगेटिव चार्ज हुए आयनों यानी विद्युतीय कणों को फ्री कर देती है और उन्हें स्पेस की तरफ धकेल देती है। लेकिन भारी, पॉजिटिव चार्ज ऑक्सीजन के आयन वहीं पर रह जाते हैं। वायुमंडल को विद्युतीय स्तर पर न्यूट्रल बनाए रखने के लिए एक हल्का इलेक्ट्रिक फील्ड यहां बन जाता है जो इन आयनों को एकसाथ में बनाए रखने की कोशिश करता है, और उन्हें स्पेस में निकल जाने से रोकता है। 

यह कमजोर सा इलेक्ट्रिक फील्ड हल्के आयनों को ऊर्जा देता है। उदाहरण के लिए हाइड्रोजन को, जो धरती के गुरुत्वाकर्षण से फ्री हो जाती है और फिर पोलर हवाओं में योगदान देती है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के ग्रह वैज्ञानिक डेविड ब्रेन के अनुसार, इस तरह के इलेक्ट्रिक फील्ड का पाया जाना यह बता सकता है कि मंगल या शुक्र जैसे ग्रहों पर पृथ्वी की तरह जीवन क्यों नहीं पाया जाता है। वहां पर जीवन को सहारा देने वाले हालात क्यों नहीं बन पाते हैं। यानी कि किसी ग्रह पर इस तरह के इलेक्ट्रिक फील्ड का बनना जीवन के पनपने का कारण भी हो सकता है। 

भले ही मंगल और शुक्र पर उनके इलेक्ट्रिक फील्ड मौजूद हैं, लेकिन इस तरह के किसी ग्लोबल मेग्नेटिक फील्ड के न होने से वहां का वायुमंडल अधिकांशत: स्पेस में जाकर मिल जाता है जिससे कि वहां पर क्लाइमेट में भारी अंतर देखने को मिलता है। नासा अब इस मिशन को आगे बढ़ाने जा रही है जिसकी घोषणा स्पेस एजेंसी ने कर दी है। नासा ने इसके फॉलोअप मिशन के लिए Resolute नामक रॉकेट को तैयार किया है जिसे जल्द ही लॉन्च किया जा सकता है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 7000mAh की बड़ी बैटरी और 120W फास्ट चार्जिंग के साथ आएगी Realme GT 7 सीरीज, 27 मई को होगी लॉन्च
  2. Honor Magic V5 होगा दुनिया का पहला 6000mAh+ बैटरी वाला फोल्डेबल फोन, जल्द होगा पेश
  3. क्रिप्टो मार्केट में तेजी बरकरार, बिटकॉइन का प्राइस 1,04,400 डॉलर से ज्यादा
  4. NxtQuantum OS पर चलने वाले नए स्मार्टफोन का टीजर माधव सेठ ने किया जारी
  5. OnePlus 15 का पहला लीक: फ्लैट डिस्प्ले और 200MP जूम कैमरा, जानें और क्या होगा खास?
  6. iQOO Pad 5 Pro, iQOO Pad 5 होंगे बड़ी डिस्प्ले, मीडियाटेक प्रोसेसर के साथ लॉन्च
  7. Moto G86 Power 5G के स्पेसिफिकेशंस लीक, 50MP कैमरा के साथ 6720mAh बैटरी से लैस
  8. Xiaomi Wireless Mouse Lite 3: लॉन्च हुआ 1000DPI वाला 'सस्ता' वायरलेस माउस, जानें कीमत
  9. 36 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Samsung Galaxy Z Flip6 5G, ये है बेस्ट डील
  10. मोटापा कम करने में 'म्यूजिक' करेगा मदद! कैसे? वैज्ञानिकों ने बताया
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »