एक रूसी लड़का यह दावा कर रहा है कि वह मंगल ग्रह का निवासी है। लड़के का कहना है कि वह पृथ्वी को परमाणु विनाश से बचाने आया है। इंटरनेट पर सुर्खियां बटोर रहा यह लड़का कहां है, कोई नहीं जानता। रिपोर्ट्स यह दावा करती हैं कि लड़के और उसकी मां को रूसी सरकार के संरक्षण में अज्ञात जगह पर रखा गया है। यह लड़का औरों से काफी अलग है और लाल ग्रह को लेकर कई चौंकाने वाले दावे करता है।
लड़के का नाम
बोरिस किप्रियानोविच (Boris Kipriyanovich) है। वह खुद को अलौकिक (extraterrestrial) प्राणी बताता है। कहता है कि पृथ्वी पर मंगल ग्रह से आया है। दावा करता है कि मंगल ग्रह पर लोग कार्बन डाइ ऑक्साइड को सांस में लेते हैं। उसका दावा पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों से मेल नहीं खाता, क्योंकि यहां तो ऑक्सीजन हमें जिंदा रखती है।
बोरिस
कहता है कि उसका पिछला जन्म मंगल ग्रह पर और यह जन्म पृथ्वी पर हुआ है। लड़के का दावा है कि ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा के अंदर एक बड़ा रहस्य छुपा हुआ है। बोरिस का दिमाग उसकी उम्र के मुकाबले काफी विकसित है। उसकी मां भी इसकी तस्दीक करती हैं। कहती हैं कि बोरिस का आईक्यू लेवल शुरू से ही काफी ज्यादा था।
कोई 4 महीने की उम्र से कैसे बोल सकता है। बोरिस की मां ने यह अनुभव किया है। दावा है कि बोरिस कुछ महीनों का था, तभी से बोलता है। साल भर का होने पर तो अखबार पढ़ने लगा था। बोरिस का यह भी कहना है कि जब वह मंगल ग्रह पर था, तब अक्सर पृथ्वी पर आता था। उसके पास एक स्पेसक्राफ्ट भी है। दावा है कि उस स्पेसक्राफ्ट की मैग्नेटिक लेयर को ऑन कर दिया जाए, तो ब्रह्मांड में कहीं भी उड़ान भरी जा सकती है।
ऐसा नहीं है कि वैज्ञानिकों की नजर बोरिस नहीं पड़ी। रूस के साइंटिस्ट उसे ऑब्जर्व कर चुके हैं। उन्हें समझ आया है कि बोरिस अन्य बच्चों से वाकई अलग है। बोरिस की कहानी कई बार सामने आ चुकी है। हालांकि वह अब कहां है, कोई नहीं जानता। क्या रूस ने उसे कहीं छुपाया हुआ है। क्या रूस को बोरिस के बारे में कुछ ऐसा पता है, जो बाकी दुनिया से छुपाया जा रहा है। सवाल कई हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अगर कोई दावा करे कि वह दुनिया को परमाणु विनाश से बचाने आया है, तो उसे सामने लाया जाना चाहिए।