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Nobel Prize : स्‍वीडन के स्‍वांते पाबो को मेडिसिन का नोबेल, 40 साल पहले पिता ने भी जीता था पुरस्‍कार

Nobel Prize : ‘विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित उनकी खोजों के लिए’ सावन्ते को मेडिसिन के लिए नोबेल दिया गया है।

Nobel Prize : स्‍वीडन के स्‍वांते पाबो को मेडिसिन का नोबेल, 40 साल पहले पिता ने भी जीता था पुरस्‍कार

Nobel Prize : स्‍वांते के पिता बर्गस्‍ट्रॉमी को भी 1982 में नोबेल प्राइज मिला था। वह एक बायोकेमिस्‍ट थे।

ख़ास बातें
  • 10 अक्‍टूबर तक नोबेल प्राइज वीक
  • कल फ‍िजिक्‍स के विजेता का ऐलान होगा
  • स्‍वांते एक जेनेटिसिस्ट हैं
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नोबेल प्राइज वीक 2022 (Nobel Prize) की शुरुआत हो गई है। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित हो रहे वीक में सबसे पहले फिजियोलॉजी/मेडिसिन कैटि‍गरी में पुरस्‍कार का ऐलान किया गया। इस बार का मेडिसिन का नोबेल स्वीडन के स्‍वांते पाबो (Svante Pääbo) को दिया गया है। ‘विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित खोजों के लिए' स्‍वांते पाबो को मेडिसिन के लिए नोबेल दिया गया है। द नोबेल कमि‍टी के सेक्रेटरी थॉमस पर्लमैन ने उनके नाम का ऐलान किया। 10 अक्‍टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में कल यानी 4 अक्‍टूबर को फ‍िजिक्‍स कैटिगरी में विजेता की घोषणा की जाएगी। 
 

कौन हैं स्वांते पाबो 

20 अप्रैल 1955 को स्‍वीडन के स्‍टॉकहोम में जन्‍मे स्‍वांते पाबो ने उप्‍साला यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की। स्‍वांते एक जेनेटिसिस्ट हैं और इवोल्यूशनरी जेनेटिक्स के क्षेत्र में एक्सपर्ट हैं। DNA को लेकर भी उन्‍होंने काफी काम किया है। खास बात यह है कि स्‍वांते के पिता बर्गस्‍ट्रॉमी को भी 1982 में नोबेल प्राइज मिला था। वह एक बायोकेमिस्‍ट थे। स्‍वांते अभी जर्मनी स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टिट्यूट ऑफ इवोल्यूशन एंथ्रोपोलॉजी में सेवाएं दे रहे हैं। 
अपने शोध के जरिए स्‍वांते पाबो ने विलुप्त होमिनिन से कई अतिरिक्त जीनोम अनुक्रमों (genome sequences) का विश्लेषण पूरा कर लिया है। पाबो की खोजों का इस्‍तेमाल वैज्ञानिक समुदाय द्वारा मानव विकास और प्रवास को बेहतर ढंग से समझने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है। जीनोम सिक्‍वेसिंग के नए तरीकों से संकेत मिलता है कि अफ्रीका में होमो सेपियंस के साथ होमिनिन भी मिश्रित हो सकते हैं। 

नोबेल पुरस्कार की 1895 में स्थापना हुई थी। पहली बार 1901 में नोबेल पुरस्कार दिए गए थे। अब तक 975 लोगों को नोबेल मिल चुका है। इसके अलावा संस्थानों को 609 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं। जिन क्षेत्रों में नोबेल दिया जाता है उनमें फिजिक्स, मेडिसिन, केमिस्ट्री, साहित्य, शांति और अर्थशास्‍त्र शामिल हैं। इस साल 5 अक्टूबर को केमिस्ट्री, 6 अक्टूबर को साहित्य, 7 अक्टूबर को नोबेल शांति और 10 अक्टूबर को इकोनॉमिक्स के लिए नोबेल का ऐलान किया जाएगा। 
 

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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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