NASA ने दिखाया माइक्रोग्रेविटी में कैसे जलती हैं आग की लपटें!

माइक्रोग्रेविटी में आग को बुझाना भी मुश्किल काम हो सकता है।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 20 फरवरी 2022 17:46 IST
ख़ास बातें
  • इंस्टाग्राम पर नासा ने शेयर की स्पेस में जलती आग की फोटो।
  • गुरुत्वाकर्षण में बदलाव आग के फैलने की प्रक्रिया को भी करता है प्रभावित।
  • माइक्रोग्रेविटी में आग को बुझाना भी हो सकता है मुश्किल काम।

अंतरिक्ष में ऐसी दिखती हैं आग की लपटें।

मनुष्य ने आग का आविष्कार सदियों पहले कर लिया था और यह सैकड़ों सालों से हमारे इस्तेमाल में है। धरती पर आग के बर्ताव से हम अच्छी तरह से परिचित हैं लेकिन क्या आपने सोचा है कि अंतरिक्ष में अगर आग की लपटें जल रही हों तो वह कैसे बर्ताव करेंगी? सवाल सिर्फ जिज्ञासा का ही नहीं, अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा का भी है। भविष्य के स्पेश मिशनों में इस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। स्पेस में गुरुत्वाकर्षण न के बराबर होता है और आग की लपटें ऐसी स्थिति में अलग तरह से बर्ताव करती हैं। माइक्रोग्रेविटी में आग की लपटें गोलाकार शेप में बने रहने की कोशिश करती हैं। धरती पर जब आग जलती है तो ग्रेविटी वातारण से ठंडी और घनी हवा को नीचे खींचती है और गर्म गैसें लपटों से ऊपर की ओर उठती हैं। यह लपटों की शेप को निर्धारित करता है और उनको अस्थिर बनाता है। 

ऐसा भी संभव है कि गुरुत्वाकर्षण में बदलाव आग के फैलने की प्रक्रिया को भी प्रभावित करता हो। माइक्रोग्रेविटी में आग को बुझाना भी मुश्किल काम हो सकता है। नासा (NASA) आग के इस बर्ताव को एडवांस्ड कम्बशन वाया माइक्रोग्रेविटी एक्सपेरिमेंट्स (ACME) के जरिए स्टडी कर रही है। अंतरिक्ष यात्रियों ने हाल ही में एक प्रोजेक्ट को पूरा किया है। जिसमें उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 1500 फायर्स को जलाकर देखा। यह एक सेफ और खासतौर पर डिजाइन किए गए चैंबर में किया गया। लेकिन एजेंसी शनिवार को एक मिशन लॉन्च करने जा रही है जो चांद और मंगल पर फायर सेफ्टी को बेहतर बनाने में वैज्ञानिकों की मदद करेगा। 

Instagram पर एक हाल ही की अपडेट में एजेंसी ने एक फोटो भी शेयर की है जिसके माध्यम से बताया गया है कि स्पेस स्टेशन के अंदर माइक्रोग्रेविटी के वातावरण में आग की लपटें कैसे बर्ताव करती हैं। इससे वैज्ञानिकों को धरती पर ज्यादा क्लीन कम्बशन इंजन तैयार करने में मदद मिलेगी। फोटो के कैप्शन में ये भी लिखा गया है कि इससे भविष्य में चांद और मंगल पर जाने के लिए ज्यादा सुरक्षित स्पेसक्राफ्ट तैयार करने में मदद मिलेगी। 

नासा के अनुसार, ऊपर दिखाया गया फोटो एक संयुक्त इमेज है जिसके लिए ACME के फ्लेम डिजाइन एक्सपेरिमेंट्स से 9 अलग-अलग टेस्ट का डेटा लिया गया है। यहां यह भी कहा गया है कि कार्गो शिप का लॉन्च शनिवार को रात 11 बजकर 9 मिनट (IST) पर होगा जो कि सॉलिड फ्यूल इंजन इग्निशन एंड एक्सटिंक्शन (SoFIE) को कैरी करेगा। यह माइक्रोग्रेविटी में फ्लेम बिहेवियर को स्टडी करने में वैज्ञानिकों की मदद करेगा।

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Rs 5,000 में 5G फोन! 8 जुलाई को मार्केट में उतर रहा AI+, लॉन्च होंगे 2 स्मार्टफोन
  2. Realme 15 सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, AI सपोर्ट वाले कैमरा फीचर्स
#ताज़ा ख़बरें
  1. टेक्नोलॉजी की दुनिया से आपके लिए आज की 5 महत्वपूर्ण खबरें
  2. MP पुलिस BSNL के नेटवर्क से परेशान! 80,000 से ज्यादा SIM होंगे Airtel में पोर्ट
  3. iOS 26 में हैं 2 हिडन फीचर्स, एक लाइव ट्रांसलेशन और दूसरा...
  4. Xiaomi 16 Ultra में Sony LYT-900 के बजाय मिल सकता है SmartSens कैमरा
  5. Realme 15 सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, AI सपोर्ट वाले कैमरा फीचर्स
  6. Lenovo का Yoga Tab Plus जल्द होगा भारत में लॉन्च, 10,200mAh की बैटरी
  7. Rs 5,000 में 5G फोन! 8 जुलाई को मार्केट में उतर रहा AI+, लॉन्च होंगे 2 स्मार्टफोन
  8. iPhone 17 में भी मिलेगा बड़ा डिस्प्ले और 120Hz रिफ्रेश रेट, लेकिन ये फीचर रहेगा गायब!
  9. 12GB RAM वाले स्मार्टफोन की है तलाश तो Realme P3 Ultra 5G, Poco F7 5G से लेकर iQOO Neo 10 जैसे 5 फोन रहेंगे बेस्ट
  10. Tata Motors की Harrier EV को Bharat NCAP क्रैश टेस्ट में मिले 5 स्टार्स
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.