Black Hole : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने विशालकाय ब्लैक होल (Black Hole) की खोज की है, जो ‘स्पेस में पार्टिकल्स की पावरफुल बीम्स फेंक रहा है'। किरणें फेंकने और टार्गेट बदलकर किसी अन्य खगोलीय लक्ष्य पर निशाना लगाने की इसकी क्षमता ने ब्लैक होल की तुलना स्टार वार्स में ग्रहों की हत्या करने वाले डेथ स्टार से की है। एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार, 22 मई को खगोलविदों ने यह खोज की, जो दर्शाती है कि ब्लैक होल अपने आसपास की आकाशगंगा और उससे आगे भी कितना असर डाल सकते हैं।
एक बयान में नासा ने
कहा है कि चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेट्री और US नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) के वेरी लॉन्ग बेसलाइन एरे (वीएलबीए) ने ‘गर्म गैस से घिरी आकाशगंगाओं में 16 विशालकाय ब्लैक होल' का पता लगाया।
नासा ने कहा कि वीएलबीए के रेडियो डेटा का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल से कुछ प्रकाश वर्ष दूर निकलने वाले पार्टिकल्स की दिशाओं का अध्ययन किया। इससे वैज्ञानिकों को यह पता चलता है कि हरेक ब्लैक होल अपाेजिट यानी विपरीत दिशाओं में दो किरणें छोड़ता है।
इस स्टडी को लीड किया इटली की बोलोग्ना यूनिवर्सिटी के फ्रांसेस्को उबेरटोसी ने। उन्होंने पाया कि लगभग एक तिहाई किरणें पहले की तुलना में अलग दिशाओं में इशारा कर रही थीं। उबेरटोसी ने कहा कि ब्लैक होल ‘घूम रहे हैं और नए टार्गेट्स की ओर इशारा कर रहे हैं'। डेटा से यह पता चलता है कि कई मामलों में जेट्स का डायरेक्शन 90 डिग्री में चेंज होता है। स्डटी में पता चला है कि ये ब्लैक होल बमुश्किल 10 अरब साल से ज्यादा पुराने हैं।
इस खोज के बाद वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लैक होल से आने वाली किरणें यह तय करने में अहम भूमिका निभाती हैं कि उनकी आकाशगंगाओं में कितने तारे बनते हैं।
What is Black Hole : ब्लैक होल हमारे ब्रह्मांड में ऐसी जगहें हैं, जहां फिजिक्स का कोई नियम काम नहीं करता। वहां सिर्फ गुरुत्वाकर्षण है और घना अंधेरा। ब्लैक होल्स का गुरुत्वाकर्षण इतना पावरफुल होता है, कि उसके असर से रोशनी भी नहीं बचती। जो भी चीज ब्लैक होल के अंदर जाती है, वह बाहर नहीं आ सकती।