जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने हमारी आकाशगंगा के ‘दिल’ में देखा, नजर आए 5 लाख तारे और बहुतकुछ, जानें

James webb telescope : नासा ने उम्‍मीद जताई कि इससे वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की उत्‍पत्ति‍ के बारे में और जानकारी मिल सकती है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 22 नवंबर 2023 13:07 IST
ख़ास बातें
  • जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप की नई तस्‍वीर आई सामने
  • हमारी आकाशगंगा के केंद्र को कैप्‍चर किया गया
  • पहली बार इतनी ब्राइट तस्‍वीर आई सामने

नई तस्‍वीर में साजेटेरियस सी (Sagittarius C) नाम के एक तारा-निर्माण क्षेत्र को दिखाया गया है।

साल 2021 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने सबसे बड़े स्‍पेस टेलीस्‍कोप ‘जेम्‍स वेब' (James Webb) को लॉन्‍च किया था। पिछले साल जुलाई से इसने काम करना शुरू किया और अबतक हमारे ब्रह्मांड की कई हैरान करने वाली तस्‍वीरें खींची हैं। इसकी लेटेस्‍ट इमेज में हमारी आकाशगंगा ‘मिल्‍की-वे' के केंद्र को दिखाया गया है। पहली बार मिल्‍की-वे के केंद्र की इतनी ब्राइट और कलरफुल फोटो सामने आई है। नासा ने इस तस्‍वीर को शेयर करते हुए उम्‍मीद जताई कि इससे वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की उत्‍पत्ति‍ के बारे में और जानकारी मिल सकती है। 

नई तस्‍वीर में साजेटेरियस सी (Sagittarius C) नाम के एक तारा-निर्माण क्षेत्र (star-forming region) को दिखाया गया है। यह हमारी पृथ्‍वी से लगभग 25 हजार प्रकाश वर्ष दूर, आकाशगंगा के केंद्र में है। इतनी दूर स्थित चीजों को कैप्‍चर करने के कारण ही JWST वैज्ञानिकों के बीच पसंदीदा टेलीस्‍कोप बन गया है। 

रिपोर्ट के अनुसार यह टेलीस्‍कोप इंफ्रारेड लाइट को कैप्‍चर कर सकता है। इसी वजह से साजेटेरियस सी का इलाका तस्‍वीरों में आ पाया है। तस्‍वीर में जो डिटेल मिली है, वह पहले ली गई फोटोज में नहीं थी। प्रोजेक्‍ट के प्रिंसिपल इन्‍वेस्टिगेटर सैमुअल क्रो के हवाले से नासा ने कहा है कि जेम्‍स वेब द्वारा ली गई इमेज आश्‍चर्यजनक है। इससे अंतरिक्ष के बारे में जो जानकारियां मिलेंगी वो पहले से ज्‍यादा बेहतर होंगी। 

सैमुअल का कहना है कि तारे वो कारखाने हैं, जिनके न्‍यूक्लियर कोर में हैवी एलीमेंट्स पैदा होते हैं। तारों को बेहतर ढंग से समझना मतलब है कि ब्रह्मांड के ज्‍यादातर हिस्‍से की उत्पत्ति के बारे में पता चल सकता है। नासा का अनुमान है कि इस तस्‍वीर में 5 लाख तारे हैं। साथ ही प्रोटोस्‍टार का एक समूह भी है। रिपोर्ट के अनुसार, तस्‍वीर के साथ ही जेम्‍स वेब ने आसपास के वातावरण का डेटा भी भेजा है,‍ जिसे स्‍टडी किया जा रहा है। गौरतलब है कि जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप प्रोजेक्‍ट की कॉस्‍ट करीब 10 हजार करोड़ रुपये है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  2. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  2. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  3. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  4. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  5. अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! FIR से लेकर सबूत तक होगा ऑनलाइन
  6. Honor की Magic 8 सीरीज के लॉन्च की तैयारी, 4 मॉडल हो सकते हैं शामिल
  7. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ कोर्ट जा सकती हैं बड़ी गेमिंग कंपनियां
  8. Samsung के Galaxy S26 Pro और Galaxy S26 Edge में मिल सकता है Exynos 2600 चिपसेट
  9. itel ZENO 20 भारत में लॉन्च: 5000mAh बैटरी, 128GB तक स्टोरेज और बड़ा डिस्प्ले, कीमत Rs 5,999 से शुरू
  10. Vivo T4 Pro जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल Sony प्राइमरी कैमरा
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.