• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Surya Tilak : अयोध्‍या में कैसे हुआ रामलला का सूर्य तिलक? जानें इसके पीछे का साइंस

Surya Tilak : अयोध्‍या में कैसे हुआ रामलला का सूर्य तिलक? जानें इसके पीछे का साइंस

Surya Tilak : रामलला के माथे पर सूर्य की किरणें पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों ने 3 दर्पणों का इस्‍तेमाल किया।

Surya Tilak : अयोध्‍या में कैसे हुआ रामलला का सूर्य तिलक? जानें इसके पीछे का साइंस

Photo Credit: Video Grab

ख़ास बातें
  • अयोध्‍या में हुआ रामलला का सूर्य तिलक
  • तीन दर्पणों के जरिए वैज्ञानिकों ने किया सफल
  • सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों की मेहनत
विज्ञापन
Surya Tilak : अयोध्‍या में रामनवमी के दिन बुधवार को दोपहर 12 बजे रामलला के माथे पर पड़ी सूर्य की किरणों ने पूरी दुनिया का ध्‍यान अपनी ओर खींचा। भगवान राम के सूर्य अभिषेक पर काम कई साल से चल रहा था। वैज्ञानिकों ने इस पर काफी रिसर्च की और कुछ दिन पहले ट्रायल भी किया था, जोकि सफल रहा। दुनियाभर के लोग इस पल को देखने के लिए टीवी और ऑनलाइन पोर्टल्‍स पर मौजूद थे। आस्‍था का यह पल सच हुआ वैज्ञानिकों की कोशिश से। आखिर कैसे रामलला के माथे पर पड़ीं सूर्य की किरणें? जानते हैं इसके पीछे का साइंस।   
 

‘सीबीआरआई' रूड़की ने किया ‘कमाल' 

भगवान राम का जन्‍म रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे हुआ था। ‘सूर्य तिलक' का मकसद है कि हर साल रामनवमी पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें भगवान राम की प्रतिमा के माथे पर पड़ें। इसे मुमकिन बनाने के लिए सूर्य तिलक का मैकनिज्‍म ‘सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट' (CBRI) के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बंगलूरू के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने भी इसमें मदद की, ताकि सूर्य के पथ का सटीक पता रहे।    
 

क्‍या किया वैज्ञानिकों ने 

रामलला के माथे पर सूर्य की किरणें पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों ने 3 दर्पणों का इस्‍तेमाल किया। पहला दर्पण मंदिर के सबसे टॉप फ्लोर (तीसरे तल) पर लगाया। दोपहर 12 बजे जैसे ही सूर्य की किरणें उस मिरर पर पड़ीं, उन्‍हें 90 डिग्री में रिफ्लेक्‍ट करके एक पाइप के जरिए दूसरे मिरर तक पहुंचाया गया। वहां से सूर्य की किरणें फ‍िर से रिफ्लेक्‍ट हुईं और पीतल के पाइप से होकर तीसरे मिरर तक पहुंच गईं। तीसरे मिरर पर पड़ने के बाद सूर्य किरणें फ‍िर से 90 डिग्री में रिफ्लेक्‍ट हुईं और स्‍पीड के साथ 90 डिग्री पर घूमते हुए सीधे रामलला के माथे पर पड़ीं। 
 

75mm आकार, 4 मिनट तक रोशनी

सूर्य किरणें जब पाइप से गुजरते हुए रामलला के माथे पर पड़ीं तो 75एमएम का सुर्कलर बनाया। कुल मिनटों तक सूर्य किरणें रामलला के मस्‍तक पर पड़ीं। यह पूरा प्रयोग बिना बिजली के किया गया। इसमें इस्‍तेमाल किए लेंस और ट्यूब को बंगलूरू की कंपनी ऑप्टिका ने तैयार किया है।    
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में कारों पर 100 प्रतिशत के इम्पोर्ट टैरिफ पर Elon Musk की Tesla को ऐतराज
  2. Honor Band 10 स्मार्टबैंड में मिलता है 14 दिन की बैटरी बैकअप और AMOLED डिस्प्ले, इस कीमत पर हुआ लॉन्च
  3. 20 साल पहले आज ही के दिन यूट्यूब पर अपलोड हुआ था पहला वीडियो, जिसने बदल दी कंटेंट की दुनिया
  4. Samsung Galaxy M56 5G की आज से सेल शुरू, Rs 3 हजार के डिस्काउंट पर खरीदने का मौका
  5. सेमीकंडक्टर बनाने वाली Intel में होगी हजारों वर्कर्स की छंटनी
  6. AI हर बीमारी का इलाज कर सकता है? DeepMind के CEO ने किया चौंकाने वाला दावा
  7. चीन ने शुरू कर दिया दुनिया का पहला 10G नेटवर्क, इस शहर से हुई शुरुआत
  8. Honor ने लॉन्च किया GT Pro, ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  9. Meta ने नया वीडियो क्रिएशन ऐप Edits किया लॉन्च, वीडियो प्रोडक्शन होगा शानदार
  10. Samsung Galaxy M36 6GB रैम, Exynos प्रोसेसर के हुआ Geekbench पर टेस्ट, जल्द होगा लॉन्च!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »