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आर्कटिक के ठंडे पानी में रहने वाली रहस्‍यमयी शार्क ने बदला ‘घर’, हजारों मील दूर सेंट्रल अमेरिका में मिली, साइंटिस्‍ट हैरान

यूनिवर्सिटी की टीम सेंट्रल अमेरिका में स्‍थानीय बेलिजियन मछुआरों के साथ शार्क की टैगिंग से जुड़ा काम कर रही थी। इसी दौरान उन्‍होंने एक सुस्‍त क्रिएचर की खोज की।

आर्कटिक के ठंडे पानी में रहने वाली रहस्‍यमयी शार्क ने बदला ‘घर’, हजारों मील दूर सेंट्रल अमेरिका में मिली, साइंटिस्‍ट हैरान

ऐसी संभावना है कि यह प्रजाति पूरी दुनिया में गहरे समुद्र में रह रही हो।

ख़ास बातें
  • पहली बार ग्रीनलैंड शार्क को पश्चिमी कैरेबियाई देश में देखा गया है
  • इससे जुड़ा एक अध्‍ययन मरीन बायोलॉजी जरनल में पब्‍लिश हुआ है
  • यह खोज फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने की है
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आर्कटिक महासागर के ठंडे पानी में रहने वाली ग्रीनलैंड ‘शार्क' मछली की दुनिया में अलग पहचान है। इस हाफ ब्‍लाइंड शार्क भी कहते हैं। सैकड़ों साल तक जिंदा रहने वाली यह शार्क ठंडे वातावरण में रहती है। लेकिन ऐसे तथ्‍य सामने आए हैं, जो बताते हैं कि इस शार्क ने अपनी जगह बदल दी है। पहली बार एक हाफ ब्‍लाइंड शार्क को पश्चिमी कैरेबियाई के पानी में एक कोरल रीफ में पाया गया। यह दुनिया की दूसरी सबसे लंबी बैरियर रीफ भी है। इससे जुड़ा एक अध्‍ययन मरीन बायोलॉजी जरनल में पब्‍लिश हुआ है। 

यह खोज फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने की है। यूनिवर्सिटी की टीम सेंट्रल अमेरिका में स्‍थानीय बेलिजियन मछुआरों के साथ शार्क की टैगिंग से जुड़ा काम कर रही थी। इसी दौरान उन्‍होंने एक सुस्‍त क्रिएचर की खोज की।  वह काफी उम्रदराज, लंबा और चिकने पत्‍थर जैसा था। फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने बताया है कि यह जीव ‘स्लीपर शार्क' परिवार का सदस्य है।

रिसर्चर देवांशी कसाना ने कहा कि वह जानती थीं कि यह कुछ असामान्य है। स्‍थानीय मछुआरे ने भी ऐसा जीव पहले कभी नहीं देखा था। देवाांशी कसाना ने अपनी खोज को पीएचडी सलाहकार डेमियन चैपमैन के साथ शेयर किया। चैपमैन ने कहा कि वह काफी हद तक ग्रीनलैंड शार्क की तरह दिखती थी, जिसका वैज्ञानिक नाम सोमनिओसस माइक्रोसेफालस है। कई विशेषज्ञों से सलाह के बाद माना गया कि यह जीव स्लीपर शार्क परिवार से था। 

ग्रीनलैंड शार्क बहुत धीमे मूव करने वाली प्रजातियां हैं। यह आर्कटिक और उत्तरी अटलांटिक महासागरों के ठंडे पानी में देखी जाती हैं। अनुमान लगाया जाता है कि यह 400 साल तक जिंदा रहती हैं। ऐसी संभावना है कि यह प्रजाति पूरी दुनिया में गहरे समुद्र में रह रही हो। फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के अनुसार, जहां इस शार्क की खोज की गई थी, वहां भी पानी की गहराई काफी अधिक थी। यह जगह ग्लोवर के रीफ मरीन रिजर्व वर्ल्ड हेरिटेज साइट का एक हिस्सा है, जो समुद्री संरक्षित क्षेत्र है।

ग्लोवर रीफ एटोल चूना-पत्थर वाले प्‍लेटफॉर्म पर स्थित है। एटोल के किनारों के साथ एक खड़ी ढलान है। यह 1,600 फीट से 9,500 फीट तक गहरी है। यूनिवर्सिटी के अनुसार, ग्रीनलैंड शार्क को पनपने के लिए ठंडे पानी की जरूरत होती है और बेहद गहराई में वह उस तापमान को हासिल कर पाती है। 
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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