यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने मंगल ग्रह की सतह पर देखी दिलचस्प आकृतियां, तस्वीर में देखें...

मंगल ग्रह पर कई रहस्य हैं और लाल ग्रह की सतह पर काम करते रहने वाले रोबोट हर दिन नई जानकारी का खुलासा कर रहे हैं।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 9 मई 2022 21:23 IST
ख़ास बातें
  • यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर ने ली यह तस्वीर
  • टैंटलस फॉसे मंगल पर एक मुख्य सर्फेस फीचर है
  • यह निशान मंगल ग्रह के विशाल ज्वालामुखी अल्बा मॉन्स के पास है

टैंटलस फॉसे फॉल्ट एक सर्फेस फीचर का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसे ग्रैबेन के रूप में जाना जाता है

यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर से लेटेस्ट रिलीज में मंगल ग्रह के भूविज्ञान को लेकर बेहद दिलचस्प जानकारियों का खुलासा किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि लाल ग्रह की सतह पर भारी खरोंचें हैं। हालांकि, ये निशान टैंटलस फॉसे का हिस्सा हैं, जो मंगल पर एक विशाल फॉल्ट सिस्टम है। तस्वीर की डिटेल्स के अलावा, यहां जो ध्यान देने वाली एक और जरूरी विशेषता है, वो है इसका साइज। ये कुंड 350 मीटर (1,148 फीट) तक गहरे, 10 किलोमीटर चौड़े है और यह चौड़ाई 1,000 किलोमीटर तक लंबी हो सकती हैं। तस्वीर 'ट्रू कलर' है, जिसका मतलब है कि यदि मनुष्य इस जगह को अपनी आंखों से देखेंगे, तो उन्हें यह क्षेत्र समान रंग का दिखाई देगा।

मंगल ग्रह पर कई रहस्य हैं और लाल ग्रह की सतह पर काम करते रहने वाले रोबोट हर दिन नई जानकारी का खुलासा कर रहे हैं। एक ESA प्रेस रिलीज में कहा गया है, "पहली नज़र में ये फीचर्स ऐसे दिखते हैं जैसे किसी ने लाल ग्रह की सतह पर अपने नाखूनों को उकेरा है, जैसे उन्होंने ऐसा किया है।"

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि टैंटलस फॉसे मंगल पर एक प्रमुख विशेषता है। यह निशान मंगल ग्रह के विशाल ज्वालामुखी अल्बा मॉन्स (Alba mons) के पूर्वी ढलान पर स्थित है। जैसे-जैसे अल्बा मॉन्स का शिखर ऊंचाई में बढ़ा, उसने आसपासकी सहत को चकनाचूर कर दिया और उससे फॉसे बना।

तस्वीर ESA के मार्स एक्सप्रेस पर हाई-रिजॉल्यूशन स्टीरियो कैमरा के कलर चैनल्स और मंगल के एक डिजिटल टैरेन मॉडल का इस्तेमाल करके बनाई गई थी, लेकिन यह विशाल क्षेत्र की आश्चर्यजनक रूप से स्पष्ट झलक दिखाती है।

टैंटलस फॉसे फॉल्ट एक सर्फेस फीचर का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसे ग्रैबेन के रूप में जाना जाता है। ये दोनों खाई तब बनई थी जब दो समानांतर फॉल्ट टूट गए थे, जिससे उनके बीच की चट्टान खिसक गई। मार्स एक्सप्रेस की इस तस्वीर में कई ग्रैबेंस देखे जा सकते हैं। माना जाता है कि ये एक के बाद एक बने हैं, जिससे वैज्ञानिकों को इस आश्चर्यजनक वातावरण को बनाने वाली एक समयरेखा और तस्वीर को एक साथ जोड़ने का अवसर मिला है।
 

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