Elon Musk की Starship का रॉकेट समुद्र में क्रैश, वीडियो में कैद हुए आखिरी पल

यह टेस्ट 27 मई, 2025 को टेक्सास के स्टारबेस से किया गया था। इस मिशन में पहली बार Super Heavy बूस्टर को फिर से यूज किया गया था, जिसे जनवरी में पहले भी उड़ाया गया था।

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Written by नितेश पपनोई, अपडेटेड: 28 मई 2025 10:42 IST
ख़ास बातें
  • यह टेस्ट 27 मई, 2025 को टेक्सास के स्टारबेस से किया गया था
  • इस मिशन में पहली बार Super Heavy बूस्टर को फिर से यूज किया गया था
  • लॉन्च के बाद, रॉकेट ने 26,316 मील प्रति घंटे की स्पीड पकड़ी

Photo Credit: SpaceX

हाल ही में SpaceX के Starship-Super Heavy रॉकेट का नौवां टेस्ट फ्लाइट एक बार फिर असफल रहा और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रॉकेट लॉन्च के बाद कुछ समय तक सफलतापूर्वक उड़ान भरता है, लेकिन फिर अचानक कंट्रोल खो देता है और समुद्र में गिरते हुए विस्फोट हो जाता है। यह दृश्य लोगों को हैरान कर देता है और कई लोगों ने इसे अपने कैमरों में कैद कर सोशल मीडिया पर शेयर भी किया।

यह टेस्ट 27 मई, 2025 को टेक्सास के स्टारबेस से किया गया था। इस मिशन में पहली बार Super Heavy बूस्टर को फिर से यूज किया गया था, जिसे जनवरी में पहले भी उड़ाया गया था। लॉन्च के बाद, रॉकेट ने 26,316 मील प्रति घंटे की स्पीड पकड़ी और पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश किया। हालांकि, पेलोड डोर के जाम होने के कारण सैटेलाइट्स को तैनात नहीं किया जा सका और रॉकेट ने वापस आते हुए कंट्रोल खो दिया, जिससे यह भारतीय महासागर में गिरकर नष्ट हो गया।

इस घटना के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर शेयर की जा रही हैं, जिसमें रॉकेट के गिरने और विस्फोट के विजुअल्स साफ तौर पर देखे जा सकते हैं।
 
 
 

इस मिशन का उद्देश्य Starship की री-यूज की क्षमता और सैटेलाइट तैनाती के प्रोसेस को टेस्ट करना था। हालांकि, यह टेस्ट पूरी तरह से सफल नहीं रहा, लेकिन SpaceX के अनुसार, इससे महत्वपूर्ण डेटा प्राप्त हुआ है जो भविष्य के मिशनों में काम आएगा। Elon Musk ने घोषणा की है कि कंपनी अब हर तीन से चार हफ्तों में एक नया टेस्ट लॉन्च करेगी, जिससे Starship की विश्वसनीयता में सुधार किया जा सके।

SpaceX का Starship-Super Heavy सिस्टम भविष्य में चंद्रमा और मंगल पर मानव मिशनों के लिए डेवलप किया जा रहा है। हालांकि, हालिया असफलताओं ने इस प्रोजेक्ट की चुनौतियों को उजागर किया है। फिर भी, कंपनी की "तेजी से टेस्ट और सुधार" की रणनीति के तहत, ये असफलताएं सीखने के अवसर के रूप में देखी जा रही हैं।
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