Elon Musk ने कर दिखाया! Neuralink ने इंसान के दिमाग में लगा डाली ‘चिप’, क्‍या काम करेगी? जानें

Neuralink : Elon Musk की कंपनी न्यूरालिंक ऐसी डिवाइस मार्केट में लाना चाहती है, जो कंप्‍यूटर, मोबाइल फोन को सीधे मस्तिष्‍क की गतिविधि से कंट्रोल कर सके।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 30 जनवरी 2024 17:04 IST
ख़ास बातें
  • न्‍यूरालिंक ने किया पहला ह्यूमन ब्रेन इम्‍प्‍लांट
  • एलन मस्‍क ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर शेयर की जानकारी
  • इंसान के दिमाग में किया गया चिप का प्रत्‍यारोपण

न्‍यूरालिंक का कहना है कि उसका मकसद न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित लोगों के लिए जीवन को आसान बनाना है।

क्‍या Elon Musk अपने मकसद में कामयाब हो गए हैं! ऐसा लगता है कि उनकी कंपनी न्‍यूरालिंक को बड़ी कामयाबी मिल गई है। Neuralink ने कुछ महीनों पहले लोगों से आवेदन लेने शुरू किए थे, जिनके दिमाग में ‘चिप' लगाई जा सके। हजारों ऐप्लिकेशन में से शॉर्ट लिस्‍ट करने के बाद कंपनी ने अपना पहला ह्यूमन ब्रेन इम्‍प्‍लांट (मानव मस्तिष्क प्रत्यारोपण) किया है। कंपनी को इस काम के लिए पहले ही FDA से मंजूरी मिल गई थी। आखिर क्‍यों Neuralink इंसानों के दिमाग में चिप लगा रही है, आइए जानते हैं। 

मंगलवार को सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्‍स' पर एक पोस्‍ट में एलन मस्‍क ने कहा कि पहले इंसान में कल @Neuralink को इम्‍प्‍लांट किया गया। वह अच्छी तरह से ठीक हो रहा है। शुरुआती रिजल्‍ट में आशाजनक न्यूरॉन स्पाइक का पता लगा है। 
 
 

करना क्‍या चाहते हैं Elon Musk? 

Elon Musk की कंपनी न्यूरालिंक ऐसी डिवाइस मार्केट में लाना चाहती है, जो कंप्‍यूटर, मोबाइल फोन को सीधे मस्तिष्‍क की गतिविधि से कंट्रोल कर सके। यानी आप सिर्फ सोचकर अपना स्‍मार्टफोन चला सकेंगे। इस डिवाइस का सबसे ज्‍यादा फायदा दिव्यांग लोगों और पैरालाइसिस की चपेट में आए लोगों को होगा। 
 

क्‍या दावा कर रही है Neuralink

न्‍यूरालिंक का कहना है कि उसका मकसद न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित लोगों के लिए जीवन को आसान बनाना है। इसमें उसे कितनी सफलता मिलेगी, इसका अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता। पिछले साल फरवरी में पता चला था कि कंपनी की चिप को जब बंदरों पर प्रयोग किया गया तो कई बंदरों की मौत हो गई थी। कंपनी पर पशु-क्रूरता के आरोप लगे थे। हालांकि मस्‍क ने आरोपों को खारिज कर दिया था।  

पिछले साल मई में कंपनी को इंसानों पर टेस्‍ट की मंजूरी दी गई थी। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन (FDA) ने इन-ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी दी, जिसके बाद अब पहला इम्‍प्‍लांट किया गया है। 
 

कैसा है Neuralink का प्रयोग 

इसका नाम ‘प्राइम स्टडी' है, जो 6 साल चलने वाला एक्‍सपेरिमेंट है। कंपनी ने 4mm-स्क्वायर की चिप बनाई है। इसे N1 कहा जाता है। इसे दिमाग के अंदर लगाया जाता है। चिप में लगे तार दिमाग तक पहुंचते हैं और उसके संकेतों को रिसीव करते हैं। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. FASTag Annual Pass: एक बार रिचार्ज करो और टेंशन खत्म! क्या है एनुअल पास और कैसे करें एक्टिव? यहां जानें
#ताज़ा ख़बरें
  1. दिल्ली मेट्रो टिकट घर बैठे कैसे करें बुक, Uber के जरिए ऑनलाइन होगी बुकिंग
  2. iQOO Z10R 5G vs Moto G96 5G vs Samsung Galaxy F36 5G: खरीदने से पहले देखें कौन रहेगा बेहतर
  3. FASTag Annual Pass: एक बार रिचार्ज करो और टेंशन खत्म! क्या है एनुअल पास और कैसे करें एक्टिव? यहां जानें
  4. WhatsApp पर कॉल कैसे करें शेड्यूल, ये है आसान प्रक्रिया
  5. रक्षा बंधन पर अपनी बहनों को गिफ्ट करें ये टेक गैजेट, 2 हजार से भी कम आएगा खर्च
  6. Panasonic ने लॉन्च किए 75-इंच साइज तक के 21 स्मार्ट टीवी मॉडल्स, कीमत Rs 17,990 से शुरू
  7. क्रिएटर्स के लिए अलर्ट! YouTube का AI सिस्टम अब चेक करेगा ऑडियंस की उम्र, घट सकती है कमाई
  8. 5G और 6G टेक्नोलॉजी में रिसर्च के लिए सरकार ने खर्च किए 304 करोड़ रुपये  
  9. Xiaomi की 9,000mAh तक की बैटरी के साथ Redmi का स्मार्टफोन लॉन्च करने की तैयारी
  10. Flipkart Freedom Sale के आखिरी दिन 10 हजार रुपये सस्ता खरीदें ट्रिपल 50MP कैमरा वाला Nothing का फ्लैगशिप फोन
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.