धरती का सबसे छोटा पौधा बनेगा अंतरिक्ष मिशनों के लिए ‘वरदान’, वैज्ञानिकों को देगा खाना-ऑक्‍सीजन!

Earths smallest flower plant : थाईलैंड में महिदोल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्रियों के लिए पोषण और ऑक्सीजन के सोर्स के रूप में वॉटरमील की क्षमता की खोज कर रहे हैं।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 8 अक्टूबर 2023 21:22 IST
ख़ास बातें
  • स्‍पेस मिशन के लिए हो रही रिसर्च
  • वॉटरमील पर शोध कर रहे वैज्ञानिक
  • इसे थाईलैंड में सलाद के तौर पर भी खाया जाता है

वॉटरमील विशेष रूप से थाइलैंड और बाकी एशियाई देशों में वॉटर बॉडीज में पाया जाता है।

Photo Credit: ESA

दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियां ऐसे मिशनों पर काम कर रही हैं, जिनके तहत इंसानों को चांद (Moon) और मंगल ग्रह (Mars) तक पहुंचाने की तैयारी है। अंतरिक्ष यात्री जब लंबे समय के लिए स्‍पेस में रहेंगे, तो वह खाएंगे क्‍या? वर्षों से इस पर अलग-अलग रिसर्च की जा रही हैं। पृथ्‍वी पर पनपने वाले कई पौधों पर शोध हो रहा है, जो फ्चूयर में अंतरिक्ष यात्रियों को पोषण और ऑक्‍सीजन देंगे। ऐसा ही एक पौधा है वॉटरमील (watermeal)। इसे धरती पर सबसे छोटे फूल वाले पौधे के रूप में पहचाना जाता है। 

यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) की रिपोर्ट के अनुसार, थाईलैंड में महिदोल यूनिवर्सिटी (Mahidol University) के वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्रियों के लिए पोषण और ऑक्सीजन के सोर्स के रूप में वॉटरमील की क्षमता की खोज कर रहे हैं।

नीदरलैंड में यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ईएसए) के एक सेंटर में आयोजित शोध में ESA के लार्ज डायामीटर सेंट्रीफ्यूज (LDC) में छोटे जलीय पौधों की हाइपरग्रेविटी कंडीशंस को देखा जा रहा है। वॉटरमील को भी यहां आजमाया गया है। यह बेहद छोटा, जड़ और तना रह‍ित पौधा है। 

यह विशेष रूप से थाइलैंड और बाकी एशियाई देशों में वॉटर बॉडीज में पाया जाता है। इसके ग्रोथ रेट की वजह से वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं। उन्‍हें लगता है कि गुरुत्‍वाकर्षण बदलने पर पौधों पर जो असर होता है, उसे स्‍टडी करने के लिए वॉटरमील सबसे बेहतर हो सकता है।  

रिसर्च को लीड कर रहे महिदोल यूनिवर्सिटी के तात्पोंग तुल्यानंद के मुताबिक वॉटरमील में अच्‍छी मात्रा में प्रोटीन है। लंबे वक्‍त से थाईलैंड में इसे खाने में इस्‍तेमाल किया जाता है। सलाद के तौर पर भी इसे खाया जाता है। उन्‍होंने कहा कि जब पौधों को खाया जाता है, तो उनका 100 फीसदी इस्‍तेमाल होता है। इसलिए यह स्‍पेस में होने वाली खेती के लिए बेहतर है। 
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फ‍िलहाल टीम वॉटरमील के पौधों पर रिसर्च कर रही है। अगले कुछ दिनों में इसके नतीजों को देखा जाएगा। स्‍टडी से यह जानकारी मिलने की उम्‍मीद है कि पौधे विभिन्न गुरुत्वाकर्षण वातावरणों के लिए कैसे अनुकूल होते हैं। यह स्‍पेस में खेती की राह को प्रशस्‍त कर सकता है। 
 
 

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प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

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