• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 80 सेंटीमीटर पूर्व में झुकी पृथ्‍वी, अमेरिका और भारत की ‘प्‍यास’ ने बिगाड़ा बैलेंस!

80 सेंटीमीटर पूर्व में झुकी पृथ्‍वी, अमेरिका और भारत की ‘प्‍यास’ ने बिगाड़ा बैलेंस!

ज्‍यादातर ग्राउंट वॉटर दुनिया के दो क्षेत्रों- अमेरिका के पश्चिमी इलाके और उत्तर-‍पश्चिमी भारत में इस्‍तेमाल और रिडिस्ट्रिब्‍यूट किया गया है।

80 सेंटीमीटर पूर्व में झुकी पृथ्‍वी, अमेरिका और भारत की ‘प्‍यास’ ने बिगाड़ा बैलेंस!

वैज्ञानिकों ने पहले अनुमान लगाया था कि इंसानों ने 1993 से 2010 के बीच महज 17 साल में 2150 गीगाटन ग्राउंट वॉटर निकाला हो सकता है।

ख़ास बातें
  • ग्राउंड वॉटर के बेतहाशा इस्‍तेमाल से पृथ्‍वी पर असर
  • एक नए शोध में आई जानकारी सामने
  • 17 साल में 80 सेंंटीमीटर पूर्व की ओर झुकी पृथ्‍वी
विज्ञापन
आबादी बढ़ने के साथ दुनिया की जरूरतें भी बढ़ रही हैं। पानी ऐसी ही एक प्रमुख जरूरत है। जमीन से पानी निकालने के लिए बोरिंग एक आम उपाय है। कई और तरीकों से भी भूजल का दोहन किया जा रहा है। एक स्‍टडी में कहा गया है कि लोगों की इस आवश्‍यकता ने पृथ्‍वी का मूड बिगाड़ दिया है! इंटरनेशनल रिसर्चर्स के एक ग्रुप ने पाया है कि इंसानों द्वारा ग्राउंडवॉटर की बेतहाशा पंपिंग से हमारी पृथ्‍वी दो दशकों से भी कम वक्‍त में 4.36 सेंटीमीटर/प्रतिवर्ष की स्‍पीड से लगभग 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर झुक गई है। 

यह स्‍टडी जियोफ‍िजिकल रिसर्च लेटर्स में पब्लिश हुई है। स्‍टडी के लीड रिसर्चर की-वेन सेओ का कहना है कि ग्राउंड वॉटर के रिडिस्ट्रिब्‍यूशन से रोटेशनल पोल के बहाव पर सबसे ज्‍यादा असर होता है। स्‍टडी में यह बात भी सामने आई है कि ज्‍यादातर ग्राउंट वॉटर दुनिया के दो क्षेत्रों- अमेरिका के पश्चिमी इलाके और उत्तर-‍पश्चिमी भारत में इस्‍तेमाल और रिडिस्ट्रिब्‍यूट किया गया है। गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा के इलाकों में खेती के लिए बड़े पैमाने पर ग्राउंट वॉटर का इस्‍तेमाल बीते वर्षों में किया गया है।  

इससे पहले वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया गया था कि इंसानों ने 1993 से 2010 के बीच महज 17 साल में 2150 गीगाटन ग्राउंट वॉटर निकाला हो सकता है। यह समुद्र के जलस्‍तर में कम से कम 6 मिलीमीटर की बढ़ोतरी के बराबर है। हालांकि इस अनुमान की पुष्टि करना कठिन है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पानी को एक जगह से निकालकर अमूमन नदियों और समुद्रों में ही बहाया जा रहा है।

इस रिसर्च ने भविष्‍य के लिए नए दरवाजे खोले हैं। आने वाले वर्षों में वैज्ञानिकों के लिए यह समझना और आसान होगा कि भूजल के दोहन के कारण पृथ्‍वी किस तरह से रिएक्‍ट कर रही है। बढ़ती आबादी ने पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए ग्राउंड वॉटर का तेजी से और बेतहाशा इस्‍तेमाल किया है। इसके मुकाबले तालाबों और झीलों को पुनर्जीवित करने में कोई भी पक्ष दिलचस्‍पी नहीं दिखा रहा। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Operation Sindoor: ब्लैकाउट होने पर ऐसे करें स्मार्टफोन का उपयोग, ध्यान रखें जरूरी बातें
  2. भारत ने गिराया पाकिस्तान का आसमानी जासूस, जानिए क्या है AWACS सिस्टम?
  3. Apple की स्मार्टवॉच की सेल्स लगातार दूसरे वर्ष घटी, नए मॉडल की कमी बड़ा कारण
  4. Dance of the Hillary Virus: पाकिस्तान कर रहा भारतीयों पर साइबर अटैक
  5. भारत में टेस्ला के बिजनेस शुरू करने से पहले कंपनी के चीफ ने दिया इस्तीफा
  6. boAt Storm Infinity Plus स्मार्टवॉच Rs 1,199 में हुई भारत में लॉन्च, 30 दिनों के बैटरी बैकअप का दावा!
  7. Vivo X Fold5 के स्पेसिफिकेशंस लीक, लॉन्च से पहले जानें सबकुछ
  8. खुशखबरी! Vodafone Idea ने दिल्ली में 5G ट्रायल सर्विस शुरू की! जानें कितनी मिल रही स्पीड
  9. रात में इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करना होगा 30% महंगा, इस राज्य ने जारी किया नया नियम
  10. Vivo की X Fold 5 के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »