Water on Moon : चीनी वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली है। चीन के चांग'ई 5 मिशन द्वारा पृथ्वी पर लाए गए चंद्रमा के सैंपलों में एक नए प्रकार के मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर को खोजा गया है, जिसमें पानी की मौजूदगी है। चीन के सरकारी मीडिया सीजीटीएन की
रिपोर्ट के अनुसार, पहले भी सबूतों से पता चला है कि चंद्रमा की सतह पर हाइड्रॉक्सिल ग्रुप्स के रूप में पानी या पानी की बर्फ मौजूद है। अब चाइनीज अकैडमी ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों ने क्रिस्टलीय पानी के 6 मॉलिक्यूल्स के साथ एक हाइड्रेटेड मिनरल पाया है।
यह स्टडी जर्नल नेचर एस्ट्रोनॉमी में पब्लिश हुई है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस खोज से चंद्रमा की सतह पर पानी के मॉलिक्यूल्स और अमोनियम (ammonium) के असल फॉर्म की जानकारी मिली है यानी वह किस स्वरूप में मौजूद है। खास बात है कि खोजे गए मिनरल का स्ट्रक्चर पृथ्वी के ज्वालामुखियों के पास पाए जाने वाले मिनरल से काफी मिलता-जुलता है।
इस रिसर्च ने संभावित रूप से खुलासा किया है कि चंद्रमा की सतह पर पानी के मॉलिक्यूल्स, हाइड्रेटेड सॉल्ट्स के रूप में मौजूद हो सकते हैं। ये हाइड्रेट चंद्रमा के ऊंचाई वाले इलाकों के साथ उन क्षेत्रों में भी हैं जहां सूर्य की रोशनी आती है। रिसर्चर्स का कहना है कि यह खोज फ्यूचर में चंद्रमा पर वॉटर रिसोर्सेज के डेवलपमेंट के लिए नई संभावनाएं खोलेगी।
गौरतलब है कि चीन लगातार चांद पर अपने
मिशन भेज रहा है। पिछले महीने ही चीन का रोबोटिक चांग'ई 6 मिशन (Chang'e 6 mission) चंद्रमा के सुदूर इलाके से सैंपल इकट्ठा करके पृथ्वी पर लौटा था। चंद्रमा का सुदूर इलाका वह जगह है, जो पृथ्वी से नहीं दिखाई देती। दुनिया में पहली बार कोई मून मिशन उस जगह से सैंपल लेकर वापस धरती पर लौटा। चीनी वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि चांग'ई 6 मिशन भी चांद के बारे में नई जानकारियां जुटाएगा।