चीन ने माउंट एवरेस्ट के ऊपर उड़ाया एयरशिप और बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें क्या था मकसद?

एयरशिप का इस्तेमाल मुख्य रूप से वातावरण संरचना डेटा रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है, जिसमें पर्यावरण में मौजूद ब्लैक कार्बन, धूल, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन की जानकारी मिल सके।

विज्ञापन
नितेश पपनोई, अपडेटेड: 17 मई 2022 17:00 IST
ख़ास बातें
  • इस एयरशिप ने 9,032 मीटर ऊपर उड़ान भरी
  • माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है
  • एवरेस्ट पर 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बेस कैंप से उड़ान भरी गई

Photo Credit: CGTN

चीन ने वायुमंडलीय संरचना से संबंधित डेटा और सतह से वाटर वैपर ट्रांस्पोर्टिंग प्रोसेस के बारे में अधिक जानकारी जुटाने और उसका अध्ययन करने के लिए रिकॉर्ड ऊंचाई के साथ माउंट एवरेस्ट पर एक एयरशिप उड़ाया है। मीडिया रिपोर्ट्स से जानकारी मिली है कि यह एयरशिप माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) से 9,032 मीटर ऊपर उड़ान भरी। बता दें कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है।

चीन के इंटरनेशनल TV चैनल CGTN के अनुसार, चीन के एयरशिप ने माउंट एवरेस्ट के ऊपर 30 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से उड़ान भरी। यह उड़ान दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बेस कैंप से उड़ान भरी गई। इस एयरशिप का नाम Jimu No. 1 बताया जा रहा है, जो 2.625 टन वजनी है और इसका वॉल्यूम 9,060 क्यूबिक मीटर है। इसके नीचे जुड़े वाहन का वजन 90 टन है।

मीडिया चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, एयरशिप का इस्तेमाल मुख्य रूप से वातावरण संरचना डेटा रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है, जिसमें पर्यावरण में मौजूद ब्लैक कार्बन, धूल, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन की जानकारी मिल सके। वैज्ञानिक सतह से 9,000 मीटर की ऊंचाई तक वाटर वैपर के ट्रांस्पोर्टिंग प्रोसेस का भी अध्ययन कर रहे हैं।

चीनी के इस "Earth Summit Mission 2022" अभियान में चीनी विज्ञान अकादमी, तिब्बती पठार अनुसंधान संस्थान और एयरोस्पेस सूचना अनुसंधान संस्थान, चांगचुन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टिक्स, फाइन मैकेनिक्स एंड फिजिक्स के रिसर्चर्स शामिल हैं।

इस अभियान के दौरान, बेस कैंप से एक दर्जन ओजोनसोंडे गुब्बारे लॉन्च किए गए थे, जो 5,200 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचे, जबकि सबसे ऊंचा गुब्बारा बेस कैंप से 39.1 किमी ऊपर पहुंचा था।
Advertisement

पेकिंग विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रमुख झू टोंग (Zhu Tong) ने CGTN को बताया (अनुवादित) "हम मुख्य रूप से ओजोन को देखना चाहते हैं, जो समताप मंडल में सूर्य की यूवी किरणों को अवरुद्ध करने और मानव को एक सुरक्षात्मक परत प्रदान करने के लिए फायदेमंद है, और जमीन पर मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, जहां यह सक्रिय हो जाता है और हमारी श्वसन प्रणाली के लिए हानिकारक होता है।"
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , China, Mount Everest
Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech ...और भी
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. फ्लिपकार्ट पर बंपर डिस्काउंट के साथ मिल रही 15000 में आने वाले फुल ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन, ये हैं बेस्ट डील्स
  2. E-Passport: UAE में भारतीयों को मिलेगा नया चिप वाला ई-पासपोर्ट, ऐसे करें अप्लाई
#ताज़ा ख़बरें
  1. E-Passport: UAE में भारतीयों को मिलेगा नया चिप वाला ई-पासपोर्ट, ऐसे करें अप्लाई
  2. फ्लिपकार्ट पर बंपर डिस्काउंट के साथ मिल रही 15000 में आने वाले फुल ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन, ये हैं बेस्ट डील्स
  3. Nothing Phone 3a Lite Launched: इसमें है नोटिफिकेशन लाइट, 5000mAh बैटरी और 50MP कैमरा, जानें कीमत
  4. OnePlus 15 जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल की ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट 
  5. अब AI उड़ाएगा फाइटर जेट, वो भी बिना किसी रनवे के? आ गया दुनिया का सबसे एडवांस्ड जेट!
  6. स्मार्टफोन से खुलेगी गाड़ी, स्टार्ट भी होगी! Samsung ने महिंद्रा की इन कारों के लिए जारी किया कमाल का फीचर
  7. Apple का iPhone Air पर भरोसा बरकरार, मैन्युफैक्चरिंग नहीं होगी कटौती!
  8. महंगा स्मार्ट फ्रिज खरीदने के बाद मिला Samsung का सरप्राइज, स्क्रीन पर दिखने लगे Ads!
  9. 3 बार फोल्ड होने वाले फोन Galaxy Z Trifold की पहली झलक, मिलेगी 10 इंच बड़ी स्क्रीन!
  10. ये है HMD का नया स्मार्टफोन, मगर बॉक्स पर HMD नहीं, कुछ और लिखा है!
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.