धरती से 400km ऊपर ‘स्‍पेस स्‍टेशन’ से लीक हो रही हवा, टेंशन में Nasa!

Space Station Air Leakage : ISS के रूसी सेगमेंट से हवा का लीक होना लगातार जारी है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 9 अक्टूबर 2024 13:13 IST
ख़ास बातें
  • इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन से हो रही एयर लीक
  • साल 2019 में सबसे पहले चला था पता
  • अभी तक यह लीकेज सही नहीं हो पाया है

नासा और रोस्‍कोस्‍मॉस आईएसएस पर अंदरूनी और बाहरी वेल्डिंग्‍स की जांच कर रहे हैं।

Photo Credit: Nasa

Air Leak in ISS : धरती से 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्‍वी का चक्‍कर लगा रहे इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) के सामने कई चुनौतियां हैं। रिपोर्टों के अनुसार, ISS के रूसी सेगमेंट से हवा का लीक होना लगातार जारी है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा इस बात से चिंतित है और लीकेज कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों में तेजी चाहती है। यह प्रॉब्‍लम काफी वक्‍त से बनी हुई है। साल 2019 में सबसे पहले लीकेज का पता चला था। आईएसएस के ज्‍वेज्‍दा मॉड्यूल के पीआरके वेस्टिबुल (Zvezda module PrK) से हवा लीक होती हुई देखी गई थी।  

नासा की एक हालिया रिपोर्ट में इस लीकेज को लेकर फ‍िर से चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2024 में यह लीकेज रोजाना 1.7 किलोग्राम तक पहुंच गया। इससे निपटने के लिए किए जा रहे रिपेयर वर्क से नासा संतुष्‍ट दिख रही है, पर इसका स्‍थायी समाधान चाहती है। 

एयर लीकेज की वजह का अबतक पता नहीं चल पाया है। नासा के अलावा रूसी स्‍पेस एजेंसी रोस्‍कोस्‍मॉस (Roscosmos) आईएसएस पर अंदरूनी और बाहरी वेल्डिंग्‍स की जांच कर रहे हैं। 
 

अभी क्‍या कर रहे एस्‍ट्रोनॉट्स  

एयर लीक का ज्‍यादा प्रभाव ना हो, इसलिए एस्‍ट्रोनॉट्स उस इलाके को बंद रखते हैं, जहां से ज्‍यादा एयर लीक हो रही है। सिर्फ जरूरी काम के लिए ही वहां जाया जाता है। 

गौरतलब है कि अमेरिका और रूस, इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) के संयुक्‍त भागीदार हैं। हालांकि इस लीकेज को लेकर दोनों के बीच थोड़ी असहमति भी है। अगर लीकेज का स्‍थायी समाधान नहीं होता है तो उस एरिया को हमेशा के लिए बंद भी किया जा सकता है, जहां से एयर लीक हो रही है। ऐसा हुआ तो रूस के सोयुज स्‍पेसक्राफ्ट भविष्‍य में आईएसएस पर डॉक नहीं कर पाएंगे।  
Advertisement

एयर लीक सिर्फ एक चुनौती नहीं है। नासा के पास आईएसएस पर कई और चैलेंज हैं। उसके सामने सप्‍लाई चेन, स्‍पेयर पार्ट्स की भी चुनौतियां हैं। नासा चाहती है कि किसी तरह से आईएसएस इस दशक तक ऑपरेट हो जाए। वैसे भी साल 2028 से 2030 के बीच इसे पृथ्‍वी के वायुमंडल पर वापस गिराकर खत्‍म कर दिया जाएगा।
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. भारत के PC मार्केट ने बनाया रिकॉर्ड, जुलाई-सितंबर में 49 लाख यूनिट्स की बिक्री
  2. Honor Magic 8 Pro Launched: इसमें हैं 7100mAh बैटरी, 200MP कैमरा और 16GB तक रैम जैसी खूबियां, जानें कीमत
#ताज़ा ख़बरें
  1. Ai+ Laptab: यह टैबलेट नहीं, लैपटॉप भी है! Ai+ ने पेश किया कमाल का डिवाइस
  2. Black Friday Scam: 2,000 से ज्यादा 'फर्जी' वेबसाइट पकड़ी गईं, कहीं आपका बैंक अकाउंट न हो जाए खाली!
  3. Vivo S50 सीरीज में मिलेगा एयरोस्पेस ग्रेड एल्युमीनियम फ्रेम 
  4. Honor Magic 8 Pro Launched: इसमें हैं 7100mAh बैटरी, 200MP कैमरा और 16GB तक रैम जैसी खूबियां, जानें कीमत
  5. Redmi 15C 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, डुअल रियर कैमरा यूनिट
  6. Sony ने 200 मेगापिक्सल LYTIA 901 सेंसर किया पेश, AI प्रोसेसिंग, 4x इन सेंसर जूम जैसे फीचर्स
  7. 200W तक साउंड और ARC सपोर्ट के साथ भारत में लॉन्च हुए JUST CORSECA के साउंडबार, जानें कीमत
  8. 'श्री हनुमान चालीसा' का नया रिकॉर्ड! YouTube पर 500 करोड़ व्यूज पाने वाला पहला भारतीय वीडियो
  9. X यूजर्स के लिए तगड़ा ऑफर, प्रीमियम की कीमत घटकर हुई 89 रुपये, जानें कैसे उठाएं लाभ
  10. 9000mAh बैटरी के साथ OnePlus Ace 6 सीरीज का नया फोन लीक! धांसू फीचर्स से होगा लैस
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.