यूक्रेन ने Xiaomi पर लगाया युद्ध में रूस की मदद का आरोप ​

यूक्रेन के एंटी करप्शन ब्यूरो का दावा है कि शाओमी के रूस में रेवेन्यू पर चुकाए जा रहे टैक्स का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की फंडिंग के लिए किया जा रहा है

यूक्रेन ने Xiaomi पर लगाया युद्ध में रूस की मदद का आरोप ​

इस युद्ध के कारण यूक्रेन को भारी नुकसान हआ है

ख़ास बातें
  • कई इंटरनेशनल कंपनियों ने रूस में अपना कारोबार समेट दिया है
  • यूक्रेन ने शाओमी पर गंभीर आरोप लगाए हैं
  • पिछले वर्ष रूस में कंपनी का रेवेन्यू बढ़कर 20 करोड़ डॉलर से अधिक का था
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पिछले वर्ष शुरू हुए रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के जल्द समाप्त होने के आसार नहीं दिख रहे। इस युद्ध के कारण यूक्रेन को भारी नुकसान हआ है। रूस पर बहुत से देशों ने प्रतिबंध लगा दिए हैं। बहुत सी इंटरनेशनल कंपनियों ने रूस में अपना कारोबार भी समेट दिया है। इससे रूस की इकोनॉमी को बड़ा झटका लगा है। दोनों देशों के बीच इस युद्ध के कारण बहुत से विवाद भी सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक विवाद में चीन की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Xiaomi भी फंस गई है। 

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन ने शाओमी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उसकी नेशनल एजेंसी फॉर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन (NAZK) ने शाओमी को "अंतरराष्ट्रीय युद्ध प्रायोजकों" की लिस्ट में शामिल करने की घोषणा की है। यूक्रेन की अथॉरिटीज का दावा है कि रूस के मार्केट में शाओमी का कारोबार बरकरार है और दोनों देशों के बीच विवाद की शुरुआत से वह प्रमुख स्मार्टफोन ब्रांड है। NAZK के डेटा से पता चलता है कि रूस में शाओमी का मार्केट शेयर पिछले वर्ष दोगुना हुआ है। पिछले वर्ष कंपनी का वहां रेवेन्यू बढ़कर 20 करोड़ डॉलर से अधिक हो गया था। इस बारे में यूक्रेन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय युद्ध प्रायोजकों की लिस्ट में शाओमी को शामिल करने की वजह रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद कंपनी का वहां अपना कारोबार बरकरार रखना है। यूक्रेन की सरकार रूस को एक "आतंकवादी देश" कहती है। 

शाओमी ने रूस में अपने फ्लैगशिप्स स्मार्टफोन्स लॉन्च करने की योजना बनाई है। यूक्रेन के एंटी करप्शन ब्यूरो का दावा है कि शाओमी के रूस में रेवेन्यू पर चुकाए जा रहे टैक्स का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की फंडिंग के लिए किया जा रहा है। यूक्रेन की इस लिस्ट में शामिल कंपनियों की संख्या 21 हो गई है। 

भारत में शाओमी को कस्टमर्स की पसंद को समझने में गलती करने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Samsung ने इसे पीछे छोड़कर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट में पहला स्थान हासिल कर लिया है। शाओमी का जोर 10,000 रुपये से कम के हैंडसेट बेचने पर था लेकिन देश में कस्टमर्स आकर्षक डिजाइन और अधिक फीचर्स वाले स्मार्टफोन्स के लिए अधिक प्राइस चुकाने को तैयार हैं। मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint के डेटा से पता चलता है कि पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में सैमसंग का मार्केट शेयर 20 प्रतिशत, जबकि शाओमी का 18 प्रतिशत का था। 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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