अगले साल लॉन्च होने वाले आईफोन 8 में कई बड़े बदलाव को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इनमें से सबसे रोचक ओलेड स्क्रीन का इस्तेमाल होगा। हालांकि, एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऐप्पल की सप्लायर कंपनियों को प्रोडक्शन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से क्यूपर्टिनो की इस कंपनी को अगले साल के सभी आईफोन में ओलेड डिस्प्ले देने की योजना पर रोक लगाना पड़ सकता है। संभव है कि कंपनी यह डिस्प्ले सिर्फ एक मॉडल तक ही सीमित रखे।
ब्लूमबर्ग की
रिपोर्ट में कहा गया है कि सैमसंग, एलजी, शार्प और जापान डिस्प्ले अगले साल के सभी आईफोन मॉडल के लिए ओलेड डिस्प्ले बनाने में सक्षम नहीं हैं। कंपनियों ने यह भी कहा है कि सीमित प्रोडेक्शन की समस्या 2018 तक खींच सकती है।
अगर मांग के हिसाब से प्रोडक्शन नहीं हुआ तो ऐप्पल के पास सभी आईफोन 8 मॉडल में ओलेड स्क्रीन इस्तेमाल करने का विकल्प नहीं रह जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐप्पल ने सैमसंग के साथ 10 लाख ओलेड डिस्प्ले के लिए समझौता किया है। लेकिन वह आश्वस्त नहीं है कि सैमसंग इस मांग को पूरी कर पाएगी। ख़बर तो यह भी है कि दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक कंपनी को खुद ही अपने स्मार्टफोन लाइनअप के डिमांड की आपूर्ति करने में मुश्किल हो रही है। ऐप्पल की मांग को पूरा करने के लिए सैमसंग को अपने प्रोडक्शन को दूसरे स्तर पर ले जाना होगा।
एक विशेषज्ञ के हवाले से ब्लूमबर्ग ने लिखा है कि ऐप्पल को अपने सप्लायर की क्षमता पर निर्भर होकर सिर्फ एक प्रीमियम मॉडल में ओलेड डिस्प्ले का इस्तेमाल करना होगा। अन्य मॉडल में पहले की तरह एलसीडी डिस्प्ले से ही काम चलाना होगा। इस विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि आईफोन 8 में ग्लास बैक पैनल होगा। यह एज टू एज कर्व्ड डिस्प्ले स्क्रीन और वर्चुअल होम बटन के साथ आएगा।
एलजी डिस्प्ले के सीईओ हान सैंग बोइम ने खुद भी माना है कि कंपनी छोटे डिवाइस के लिए ओलेड स्क्रीन डेवलप में थोड़ा पीछे रह गई। कंपनी टेलीविज़न यूनिट के लिए ओलेड डिस्प्ले तो सप्लाई करती है और उसने हाल ही में स्मार्टफोन में ओलेड स्क्रीन देना शुरू किया है। शार्प के प्रेसिडेंट ताई जैंग वू का कहना है कि कंपनी तकनीक को डेवलप करने की प्रक्रिया में है। उसके प्रोडक्शन क्षमता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह इसमें सफल होती है या नहीं।