Hike Total प्लेटफॉर्म में कितना दम? हमारा अनुभव

हम आपको हाइक टोटल प्लेटफॉर्म की कमियों और खूबियों से अवगत कराएंगे। इस प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल करने के दौरान हमारा अनुभव कैसा रहा? यह भी साझा करेंगे।

Hike Total प्लेटफॉर्म में कितना दम? हमारा अनुभव
ख़ास बातें
  • हाइक टोटल में बिना इंटरनेट चलते हैं कई ऐप
  • हाइक टोटल एंड्रॉयड का कस्टम वर्ज़न है, बिल्कुल इंडस ओएस जैसा
  • यह 8 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है
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किसी भी यूज़र के लिए फीचर फोन से स्मार्टफोन तक का सफर आमतौर पर दो-तीन ज़रूरतों पर निर्भर करता है। इनमें से एक अहम कारण इंटरनेट भी है। रिलायंस जियो के आने के बाद देशभर में 4जी कनेक्टिविटी का मानो जाल सा फैल गया। शुरुआत में मुफ्त सेवा, फिर बाद में सस्ते रीचार्ज पैक के कारण धीरे-धीरे यूज़र इस टेलीकॉम कंपनी से जुड़ते गए। ऐसे में अन्य टेलीकॉम कंपनियों पर भी अपने सेवाएं बेहतर करने और सस्ते दरों में इंटरनेट मुहैया कराने का दबाव बना। फायदा ग्राहकों को मिला। लेकिन अब भी देश के मोबाइल मार्केट का बड़ा हिस्सा इस इंटरनेट क्रांति से दूर रहा। इसकी वजह थी फीचर फोन पर भरोसा और इंटरनेट खर्चे का डर।

इसके बाद रिलायंस जियो ने जियोफोन उतार कर नया दांव खेला। इसके जवाब में एयरटेल और वोडाफोन जैसी कंपनियों ने भी कैशबैक ऑफर देकर सस्ते में स्मार्टफोन ग्राहकों को मुहैया कराना शुरू किए। लेकिन एयरटेल के हाइक के साथ मिलकर एक कदम और आगे बढ़ा दिया। कंपनी ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जिससे बिना इंटरनेट डेटा के आप मैच स्कोर देख पाते हैं और ख़बरें पढ़ पाते हैं। इसे 'टोटल' का नाम दिया गया। इतना ही नहीं, फोन रीचार्ज और इंटरनेट से जुड़ी कई अन्य सेवाओं का लाभ भी आप बिना डेटा एक्टिव किए उठा सकेंगे।


जब Hike Total प्लेटफॉर्म को पेश किया गया था तो कंपनी ने जानकारी दी थी कि हाइक टोटल का इस्तेमाल 1 मार्च से इंटेक्स एक्वा लायंस एन1, एक्वा लायंस टी1, एक्वा टी1 लाइट और कार्बन ए40 इंडियन जैसे स्मार्टफोन पर किया जा सकेगा। हमने हाल ही आपको इंटेक्स एक्वा लायन्स को रिव्यू भी किया था और इस प्रोडक्ट के बारे में विस्तार से बताया था। अब हम आपको हाइक टोटल प्लेटफॉर्म की कमियों और खूबियों से अवगत कराएंगे। इस प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल करने के दौरान हमारा अनुभव कैसा रहा? यह भी साझा करेंगे।
 

Hike Total क्या है?

यूज़र को हाइक टोटल की सारी सेवाओं का लाभ अपने फोन नंबर द्वारा किए गए लॉग इन से मिलेगा। हाइक टोटल में आप मैसेजिंग, खबरें, ज्योतिष, फोन रीचार्ज और मनी ट्रांस्फर जैसी सेवाओं का लाभ बिना डेटा ऑन किए ले पाएंगे। यूएसएसडी प्रोटोकॉल पर आधारित यह सेवा आपके मोबाइल ऑपरेटर का डेटा इस्तेमाल किए बिना आप तक पहुंचेगी।

हाइक टोटल एंड्रॉयड का कस्टम वर्ज़न है, बिल्कुल इंडस ओएस जैसा। हाइक टोटल खास तौर से भारतीय बाज़ार के लिए तैयार किया गया प्लेटफॉर्म है। यह 8 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है और कुछ सेवाओं को बिना इंटरनेट कनेक्शन के मुहैया करवाने में सक्षम है।
 

ऐसा है हाइक टोटल का यूज़र इंटरफेस

हाइक ने एंड्रॉयड नूगा के यूआई से ज्यादा 'मेलजोल' नहीं किया है, यह काफी हद तक स्टॉक एंड्रॉयड जैसा है। बायीं-होम स्क्रीन पर ऑफलाइन ऐप हैं। इनमें बस टिकट और गेम ऑफ द डे जैसे कुछ ज़रूरी ऐप भी शामिल हैं। आप ऐप को उठते हुए बबल से भी चुनकर आज़मा सकते हैं। ऑफलाइन ऐप इस्तेमाल करने के लिए आपको टोटल अकाउंट बनाकर एयरटेल सिम को वैरिफाई करवाना होगा।
 

सिर्फ स्टार वाले ऐप चल सकते हैं ऑफलाइन

जिन ऐप पर स्टार बनकर आता है, उन्हें आप ऑफलाइन इस्तेमाल कर पाएंगे। वर्तमान में क्रिकेट, रीचार्ज, हाइक वॉलेट, रेल इन्फो, न्यूज़, मैसेजिंग, ऑफलाइन यूपीआई, टोटल डेटा पैक जैसे ऐप ऑफलाइन प्रयोग के लिए उपलब्ध हैं। कंपनी का कहना है कि आने वाले समय में और ऐप को इसका हिस्सा बनाया जाएगा।
 

Hike Total के लिए डेटा पैक

हाइक टोटल फोन के लिए डेटा पैक अलग हैं और काफी छूट वाले हैं लेकिन फिलहाल ये एयरटेल यूज़र के लिए ही मान्य हैं। 20 एमबी के लिए 1 रुपये का प्लान है, जो 1 दिन चलता है। वहीं 1 जीबी डेटा के लिए आपको 49 रुपये खर्चने होंगे। इसकी वैधता 28 दिन के लिए है। हालांकि, ऐसा कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है कि डेटा पैक की ये कीमतें कब तक मान्य रहेंगी। इन पैक को खरीदने के लिए सिर्फ हाइक वॉलेट का विकल्प बचता है। आपको केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 200 रुपये तक का बोनस मिलता है। आपको आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या कोई भी सरकार प्रमाणित परिचय-पत्र जमा करना होगा।
 
Intex
 

हमारा अनुभव

ये तो थीं जानकारियां जो इस प्लेटफॉर्म के ज़रूरी पहलुओं से संबंधित हैं। अब हम आपको इसे इस्तेमाल करने के अनुभव के बारे में बताते हैं। बता दें कि इस हाइक टोटल प्लेटफॉर्म को हाइक द्वारा बनाया गया है। ऐसे में आपको इंटेक्स या कार्बन मोबाइल्स का फोन खरीदते वक्त एयरटेल का ही सिम मिलेगा। Hike प्लेटफॉर्म पर ऑफलाइन ऐप तो बिना इंटरनेट तो चल जाएंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि एयरटेल की सेवाएं मुफ्त होंगी। यानी आपको हर महीने नियमित रीचार्ज तो कराना ही होगा।

हाइक टोटल में भारतीय यूज़र के नब्ज़ को पकड़ने की कोशिश की गई है। कंपनी ने ऑफलाइन इस्तेमाल के लिए मैसेजिंग, क्रिकेट और ज्योतिषी जैसे कैटेगरी को बहुत सोच समझकर चुना है। क्योंकि हमें फोन पर चैट करने की आदत है। क्रिकेट के बिना ज़िंदा नहीं रह सकते और अपनी किस्मत पहले जान लेना किसे पसंद नहीं।

हाइक टोटल प्लेटफॉर्म से जुड़े सभी ऐप के लोगो अपनी पहचान साफ-साफ बताते हैं। ऐसे में आपको इन ऐप तक पहुंचने में दिक्कत नहीं होगी। इन्हें इस्तेमाल करना भी आसान है। कुछ भी अटपटा नहीं लगता। अब क्रिकेट ऐप को ही ले लीजिए। इस पर टैप करते है क्रिकेट स्कोर दिखने लगते हैं। आप स्वाइप करके पन्ने बदल सकते हैं और अलग-अलग मैच के स्कोर नज़र आने लगेंगे।

इसमें मौज़ूद हाइक मैसेंजर ऐप से यूज़र हाइक पर मौज़ूद दोस्तों से चैट कर पाएंगे। यह एक आम एसएमएस ऐप की तरह भी काम करता है। मैसेज भेजने से पहले यह दूसरे यूज़र की हाइक पर मौज़ूदगी जांचता है। इसके बाद यह चैट इंटरफेस पर स्विच हो जाता है। हाइक मैसेंजर ऑफलाइन भी काम करता है। इससे आप टेक्सट मैसेज और स्टीकर बिना इंटरनेट कनेक्शन के भेज सकते हैं। अगर आपको तस्वीर या कोई बड़ी फाइल भेजनी है, तो आपको डेटा पैक खरीदने होंगे।

हॉरोस्कोप में आप जन्मतिथि डालकर अपना राशिफल जान सकते हैं और कुंडली भी देखने की सुविधा मौज़ूद है। न्यूज़ सेक्शन कई यूज़र को पसंद आएगा। क्योंकि इस ऐप के बहाने आप देश-दुनिया के घटनाक्रमों से रूबरू हो सकते हैं। हमने इन सारे ऐप को इस्तेमाल किया। रिस्पॉन्स में कई बार थोड़ा वक्त लगा जो संभवतः स्मार्टफोन की वजह से था। लेकिन प्लेटफॉर्म को लेकर कोई बड़ी शिकायत नहीं है।

ये बातें तो ऑफलाइन मॉडल की हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि कंपनी ने ग्राहकों को सबकुछ मुफ्त में ही देने का फैसला किया है। कंपनी ने खास डेटा पैक भी उतारे हैं। 20 एमबी के लिए 1 रुपये का प्लान है, जो 1 दिन चलता है। वहीं 1 जीबी डेटा के लिए आपको 49 रुपये खर्चने होंगे। इसकी वैधता 28 दिन के लिए है। इसके लिए हाइक वॉलेट का इस्तेमाल में लाना होगा। शुरुआती तौर पर इस प्लेटफॉर्म पर साइन अप करने वाले यूज़र को 200 रुपये तक का हाइक मनी मिल रहा है। वैसे, हमें साइन अप करने पर 60 रुपये मिले थे। उम्मीद है कि आपकी किस्मत ज़्यादा बेहतर होगी। वॉलेट का वैरिफिकेशन अनिवार्य है और इसके बारे में हमने आपको पहले ही बताया है।

इसमें कोई दोमत नहीं ने एयरटेल ने हाइक प्लेटफॉर्म के ज़रिए जो प्रयोग किया है वो बेहद ही अनूखा है। कमी सिर्फ कंपनी द्वारा चुने हैंडसेट में है जो इस किस्म के प्रयोग के लिए पूरी तरह से फिट नहीं लगता। अब तक फीचर फोन इस्तेमाल करने वाले यूज़र अगर इस फोन पर शिफ्ट होते हैं तो उन्हें बहुत ज़्यादा कुछ भी अटपटा नहीं लगेगा। लेकिन हमारे जैसे यूज़र जो पहले से बेहतर क्वालिटी के स्मार्टफोन के आदी हो चले हैं, उन्हें बहुत कुछ खटकेगा। और इसका असर हाइक टोटल प्लेटफॉर्म की छवि पर भी पड़ेगा। लेकिन एयरटेल और हाइक का टोटल प्लेटफॉर्म एक सराहनीय कोशिश है, चाहे इसका भविष्य जो भी हो।
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