वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने नई कर की दरें निर्धारित कर दी हैं। बता दें कि सरकार ने जीएसटी को 1 जुलाई 2017 से लागू करने का लक्ष्य रखा है। सेवाओं के लिए चार दर स्लैब 5,12,18,28 प्रतिशत की रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी आने के बाद मोबाइल, डीटीएच और इंटरनेट सर्विस महंगी हो जाएंगी।
इसका सीधा असर भारत में बनाए जा रहे स्मार्टफोन पर होगा। क्योंकि पहले कम ड्यूटी के कारण भारत में एसेंबल किए जा रहे स्मार्टफोन बेहद ही सस्ते थे। लेकिन जीएसटी आ जाने के बाद ये हैंडसेट 12 प्रतिशत की जीएसटी के साथ उपलब्ध होंगे। दूसरी तरफ, पहले आयात किए गए फोन 17-27 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी के साथ आते थे। इसका मतलब है कि जिन फोन को आयात करके भारत में बेचा जाता है वे सस्ते हो जाएंगे।
हालांकि, भारत में बनाए जाने वाले फोन महंगे हो जाएंगे। क्योंकि वे 7.5-8 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करते थे। जीएसटी आ जाने के बाद ये फोन भी 12 प्रतिशत वाले स्लैब में आ जाएंगे। इसके अलावा मोबाइल के पार्ट्स पर भी 12 प्रतिशत का कर लगेगा।
इसका मतलब है कि फोन पहले की तुलना में महंगे होंगे। संभव है कि कई कंपनियां फिर से फोन को भारत से बाहर बनाने के बारे में विचार करें।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च ने कहा है, "पहली तिमाही में मार्केट में उपलब्ध कराए गए पांच में चार फोन भारत में बने थे। जीएसटी आने के बाद घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर असर पड़ेगा। ऐसे में सरकार को मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए आगे भी सब्सिडी देने पर विचार करना होगा।"
टेलीविज़न और कंप्यूटर को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है। इन प्रोडक्ट के कुछ पार्ट 18 फीसदी वाले स्लैब में आएंगे और कुछ 28 फीसदी वाले स्लैब में। आज की तारीख में आप लैपटॉप और टेलीविज़न पर 26.5 प्रतिशत टैक्स देते हैं। कंप्यूटर के पुर्जों पर 10.3 प्रतिशत का टैक्स लगता है। इसका मतलब है कि पर्सनल कंप्यूटर और लैपटॉप पहले की तुलना में थोड़े बहुत महंगे हो सकते हैं।
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