Google ने स्मार्टफोन कंपनियों को Android 11 आउट-ऑफ-द-बॉक्स चलाने वाले सभी डिवाइसों पर "Seamless Update" सपोर्ट देने का आदेश दिया है। इसके बाद से यूज़र्स के मोबाइल फोन पर लेटेस्ट सुरक्षा पैच और नए सॉफ्टवेयर वर्ज़न आदि जैसे अपडेट अपने आप बैकग्राउंड में इंस्टॉल हो जाएंगे। हालांकि गूगल ने अभी तक इस बारे में किसीस प्रकार की जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि उसने अपने वेंडर टेस्ट शूट (VTS) में बदलाव किए हैं, जिससे कंपनी वर्चुअल A/B पार्टिशन स्ट्रकचर वाले एंड्रॉयड 11 पर चलने वाले डिवाइस की जांच कर सके। यह डिवाइस पर सीमलेस अपडेट सक्षम करने के लिए आवश्यक है।
फोन में वर्चुअल A/B पार्टिशन का होना VTS को पास करने के लिए जरूरी होगा, जिससे भविष्य में फोन को गूगल ऐप्स के लिए सपोर्ट मिलता रहे। एक कोमिट में साफ लिखा है कि "R लॉन्च पर वर्चुअल ए/बी की आवश्यकता है।" इससे पता चलता है कि Google की Android टीम ने VTS पास करने के लिए एंड्रॉयड वेंडर्स के लिए वर्चुअल ए/बी पार्टिशन सट्रक्चर रखना अनिवार्य कर दिया है।
फोन में वर्चुअल ए/बी पार्टिशन स्ट्रक्चर अपडेट को डाउनलोड करते समय एक बैकअप सिस्टम इमेज को स्टोर करने के लिए स्पेस बनाता है। यदि नया अपडेट हार्डवेयर पर इंस्टॉल होने में विफल हो जाता है या यदि अपडेट प्रक्रिया में कोई खामी आती है तो यह पिछले सॉफ्टवेयर वर्ज़न में वापस आने में मदद करता है।
गूगल ने एंड्रॉयड पर यह सीमलेस अपडेट के कॉन्सेप्ट को 2016 में पेश किया था। यह फीचर Chrome OS से ली गई थी। एंड्रॉयड नोगट ने नई नेक्सस डिवाइसों पर भी सीमलेस अपडेट को सक्षम किया था। हालांकि अभी तक गूगल ने इसे अन्य सभी स्मार्टफोन कंपनियों के लिए अनिवार्य नहीं किया था।
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