मात्र 251 रुपये में स्मार्टफोन फ्रीडम 251 लॉन्च करने वाली कंपनी रिंगिंग बेल्स ने मंगलवार को गैजेट 360 से खास बातचीत में पुष्टि की कि कंपनी ने अब तक सिर्फ 30 हजार स्मार्टफोन की पेमेंट ही स्वीकार की है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि इन स्मार्टफोन यूनिट के लिए कंपोनेंट इंपोर्ट किये जाएंगे।
रिंगिंग बेल्स ने 19 फरवरी को
फ्रीडम 251 के ऑर्डर लेना बंद कर दिया था। कंपनी का दावा है कि अब तक 70 मिलियन से ज्यादा यूजर फोन के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। कंपनी अध्यक्ष और निदेशक दोनों ने ही
बार-बार बयान दिया था कि फोन को भारत में ही बनाया जाएगा ताकि इंपोर्ट पर पैसा खर्च ना हो।
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फ्रीडम 251 स्मार्टफोन की तस्वीरें देखें )
बहरहाल, गैजेट 360 के साथ फोन पर हुई बातचीत में कंपनी के प्रवक्ता ने खुलासा किया कि बुकिंग के
पहले दिन कंपनी ने सिर्फ 30 हजार यूनिट ही बेचे। अब कंपनी ने इस बात की पुष्टि की है कि कंपनी ने इन 30,000 यूजर के अलावा रजिस्ट्रेशन करने वाले किसी को भी पेमेंट के लिए ईमेल नहीं भेजा है। कंपनी के मुताबिक, ''फिलहाल हम कैश-ऑन डिलीवरी की जानकारी पर काम कर रहे हैं। हम यह ऐलान करते हैं कि शुरुआती 30 हजार के अलावा अब कंपनी फोन के लिए रजिस्टर करने वाले 2.5 मिलियन यूजर को पेमेंट के लिए ईमेल भेजेगी। इन्हें ऑनलाइन या फोन मिलने पर पेमेंट का विकल्प दिया जाएगा। ''
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इससे पहले कंपनी ने बयान दिया था कि कंपनी वेबसाइट पर रजिस्टर करने वाले सभी ग्राहक को उनकी बुकिंग पूरी करने के लिए पेमेंट विकल्प के साथ 48 घंटे के अंदर एक ईमेल भेजेगी। लेकिन अब कंपनी ने स्पष्टीकरण दिया हा कि बुकिंग बंद होने के अंतिम दिन के पांच दिन बाद तक यह ईमेल नहीं भेजा गया है। प्रवक्ता ने बताया, ''साइट पर रजिस्टर करने वाले पहले 25 लाख यूजर का पता लगाने के बाद ही कंपनी ईमेल भेजना शुरू करेगी।''
मेड इन इंडिया?इतना ही नहीं रिंगिंग बेल्स ने गैजेट 360 से साफ कहा कि कंपनी हैंडसेट इंपोर्ट करेगी। कंपनी के मुताबिक, ''अभी तक हमने कोई मेन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं खोली है। इसलिए हम फ्रीडम 251 को फिलहाल पूरी तरह से भारत में नहीं बना सकते। '' कंपनी के प्रवक्ता ने आगे कहा, ''अभी हम इस स्मार्टफोन के पार्ट्स को इंपोर्ट करके इसे भारत में ही बनाएंगे। अगले छह से आठ महीने में हम स्मार्टफोन को पूरी तरह सेभारत में बनाना शुरू कर देंगे। ''
बहरहाल, कंपनी ने इस बात का कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि कंपनी इतनी कम कीमत में फोन कैसे बना पाएगी। कंपनी ने इस बात को दोहराया कि कंपोनेंट सिर्फ अभी के लिए इंपोर्ट किये जा रहे हैं और कुछ समय बाद कंपनी को हैंडसेट पर मुनाफा भी मिलना शुरू हो जाएगा।