Foxconn को भारत में iPhone की फैक्टरी में 1 अरब डॉलर के इनवेस्टमेंट का मिला अप्रूवल

इससे यह चीन के बाहर एपल के प्रोडक्ट्स के लिए बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकेगी

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 13 दिसंबर 2023 17:42 IST
ख़ास बातें
  • इस इनवेस्टमेंटसे फॉक्सकॉन देश में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ा सकेगी
  • यह चीन के बाहर अपने प्रोडक्शन को डायवर्सिफाइ करना चाहती है
  • पिछले कुछ वर्षों में आईफोन की सेल्स तेजी से बढ़ी है

कंपनी की तमिलनाडु में आईफोन की फैक्टरी में लगभग 40,000 वर्कर्स हैं

अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn को भारत में अपनी फैक्टरी में एक अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने के लिए हरी झंडी मिल गई है। इससे यह चीन के बाहर एपल के प्रोडक्ट्स के लिए बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकेगी। 

Bloomberg की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने के लिए हरी झंडी मिलने से यह देश में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ा सकेगी। दुनिया भर में आईफोन की कुल असेंबलिंग में से लगभग 70 प्रतिशत ताइवान की यह कंपनी करती है।  पिछले वर्ष कोरोना की वजह से चीन में लगाए गए प्रतिबंधों से फॉक्सकॉन के एपल के प्रोडक्ट्स बनाने वाले प्लांट पर बड़ा असर पड़ा था। 

हाल ही में कंपनी ने कर्नाटक में दो प्रोजेक्ट्स में 60 करोड़ डॉलर लगाने की जानकारी दी थी। इन प्लांट्स में आईफोन्स के लिए केसिंग कंपोनेंट्स और चिप मेकिंग इक्विपमेंट बनाए जाएंगे। इसकी योजना अगले वर्ष अप्रैल तक कर्नाटक में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की है। इससे रोजगार के लगभग 50,000 अवसर मिलेंगे। हाल ही में देश में फॉक्सकॉन के प्रतिनिधि ने बताया था कि कंपनी का लक्ष्य अगले वर्ष तक अपने इनवेस्टमेंट और वर्कफोर्स को दोगुना करना है। यह चीन के बाहर अपने प्रोडक्शन को डायवर्सिफाइ करना चाहती है। 

 इसकी तमिलनाडु में आईफोन की फैक्टरी में लगभग 40,000 वर्कर्स हैं। हाल ही में कंपनी ने इस फैक्टरी में प्रोडक्शन में सुधार के लिए चाइनीज इंजीनियर्स को बुलाया था। चीन में फॉक्सकॉन की फैक्टरी में एफिशिएंसी का लेवल बेहतर है।  हालांकि, तमिलनाडु की इसकी फैक्टरी में डिफेक्टिव यूनिट्स की रेशो अधिक है और मैटीरियल्स की कॉस्ट भी महंगी है। इस फैक्टरी में बनने वाले आईफोन्स की देश में बिक्री के साथ ही एक्सपोर्ट भी होता है।  इस वजह से फॉक्सकॉन को कम प्रॉफिट मिलता है। देश में आईफोन के प्रोडक्शन में फॉक्सकॉन का मुकाबला Tata Group से होगा। ऑटोमोबाइल से लेकर सॉफ्टवेयर तक का बिजनेस करने वाले टाटा ग्रुप ने हाल ही में Wistron की देश में यूनिट को खरीदा था। टाटा ग्रुप की एक कंपनी पहले ही आईफोन के लिए कंपोनेंट्स की सप्लाई करती है। विस्ट्रॉन के एक्विजेशन के बाद यह कंपनी देश में एपल की दो सप्लायर्स फॉक्सकॉन और Pegatron को आईफोन की असेंबलिंग में टक्कर दे सकेगी। 
 

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